चंपारण की खबर::वैदिक क्षितिज का एक देदीप्यमान नक्षत्र अस्त : सुशील पांडेय – मोतिहारी में शोक सभा का आयोजन, उनके अविस्मरणीय कृत्यों को याद कर दी गई विनम्र श्रद्धांजलि

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मोतिहारी, राजन द्विवेदी।

सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय-वाराणसी के पूर्व वेद विभागाध्यक्ष व प्रति कुलपति,जगद्गुरु रामानन्दाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय-जयपुर के कुलपति,महर्षि सान्दीपनि राष्ट्रीय वेदविद्या प्रतिष्ठान-उज्जैन के सदस्य सचिव तथा राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित वैदिक जगत् के लब्ध प्रतिष्ठित विद्वान् प्रो•युगल किशोर मिश्र जी का आकस्मिक देहावसान सोमवार की रात में हो गया। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को वाराणसी हरिश्चन्द्र घाट पर किया गया। उनके आकस्मिक निधन से मोतिहारी वेद विद्यालय सहित सम्पूर्ण संस्कृत जगत् शोक संतप्त है।
बुधवार को महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय में एक शोक सभा आयोजित कर शोक संतप्त वेद विद्यालय परिवार ने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर वेद विद्यालय के निदेशक व सोमनाथ संस्कृत यूनिवर्सिटी-गुजरात के पूर्व संकायाध्यक्ष प्रो•देवेन्द्रनाथ पाण्डेय ने कहा कि भारत के वैदिक मनीषियों में अग्रगण्य एवं अपने शिष्य-प्रशिष्यों के माध्यम से वैदिक सनातन संस्कृति को संरक्षित व प्रसारित करने वाले प्रो•मिश्र जी के निधन से संस्कृत जगत् की अपूरणीय क्षति हुई है।
प्रोफेसर मिश्र जी के शिष्य एवं वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने अपने शोक संदेश में कहा कि वेद-वेदांग के मूर्धन्य विद्वान,सम्पूर्ण भारतवर्ष में काशी वैदिक ज्ञान परम्परा के संवाहक तथा शिक्षा जगत् के निष्ठावान पथ-प्रदर्शक के रूप में परम पूज्य गुरुजी का योगदान अविस्मरणीय है। उनके निधन से वैदिक क्षितिज का एक देदीप्यमान नक्षत्र अस्त हो गया।
मौके पर सुधीर दत्त पाराशर,रुपेश ओझा,राजन पाण्डेय,कुन्दन पाठक,विकास पाण्डेय,कृष्ण कुमार,राकेश तिवारी,विनोद पाण्डेय,सुजीत मिश्र,आलोक चन्द्र,सुधाकर पाण्डेय,अरुण तिवारी,विजय कुमार सिंह,प्रदीप कुमार सहित विद्यालय के बटुकों ने पूजनीय गुरुजी के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।