सखी बहिनपा मैथिलानी समूहक १०म वर्षगांठ मनाओल गेल सामाजिक जिम्मेदारी आ सांस्कृतिक रंग सँ सजल १० वर्षक उत्सव

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इंदौर। मिथिला के महिला शक्ति केर देश विदेश में संगठित करवा में अग्रणी भूमिका निभेनिहार मैथिलानिक संस्था—’सखी बहिनपा मैथिलानी समूह’ अपन स्थापना केर १०म वर्षगांठ सामाजिक जिम्मेदारी आ सांस्कृतिक गतिविधि सभक संग मनाओलक। इंदौर इकाईक प्रमुख ऋतु झा, संगठन मंत्री शारदा झा, सुषमा झा, कविता झा, श्वेता मिश्रा सहित अन्य सक्रिय सदस्यसभ बताओलनि जे ई अवसर समूहक एक दशकक निरंतर सेवाक आ सांस्कृतिक संरक्षण यात्राक प्रतीक छल।
स्थापना दिवसक शुरुआत बौद्धिक रूप सँ दिव्यांग बच्चा सभक केन्द्र सँ भेल। एतय समूहक सदस्या लोकेंन बौद्धिक दिव्यांग बच्चा सभक संग मिल क केक काटलेन आ अपन यात्राक अनुभव हुनका सभक संग साझा केली। बच्चा सभक लेल चित्रकला प्रतियोगिता सेहो आयोजित कएल गेल, जाहि मे उत्कृष्ट चित्र बनावे वाला बच्चा सभक केँ पुरस्कृत कएल गेल। एहि अवसर पर बच्चा सभक केँ स्कूल बैग, ड्राइंग बुक, रंगीन पेंसिल, स्केच बुक आ अन्य शैक्षिक सामग्री उपहार मे देल गेल। पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपन प्रतिबद्धता जताबेत समूहक मैथिलानि लोकेंन संस्थाक परिसर मे वृक्षारोपण कयली ।
संध्याकाल वृंदावन होटल मे स्थापना दिवस पर भव्य कार्यक्रम के आयोजन भेल। कार्यक्रम के प्रारम्भ गणेश वंदना केँ मनमोहक नृत्य प्रस्तुति सँ भेल, जे समूहक एक सदस्या के बेटी प्रस्तुत केली। एकरा बाद मैथिलानी आ हुनकर बच्चा सभक गीत, नृत्य, कविता-पाठ आ सांस्कृतिक प्रस्तुति सँ वातावरण केँ उल्लास सं भरि देलक। समूह एहि अवसर पर शहरक मैथिल समाजक प्रतिभाशाली बच्चा आ महिला सदस्यसभ केँ सेहो सम्मानित केलक। प्रत्येक प्रस्तुति सँ ई संदेश देल गेल जे महिला शक्ति जखन समाज, संस्कृति आ सेवा केँ लेल एकजुट होइत अछि, तखन नै मात्र अपन पहचान केँ मजबूत करैत अछि अपितु समाज मे सकारात्मक ऊर्जा सेहो पसारेत अछि।
स्थापना दिवस समारोह पर अपन अनुभव साझा करैत सखी बहिनपा मैथिलानी समूहक इंदौर इकाईक प्रमुख ऋतू झा कहलनि— “हमर सामूहक ई दस बरिख केर यात्रा ई प्रमाण अछि जे महिलासभ संगठित होइबा सँ ओ सब समाज में अपन प्रभाव छोड़ि सकैत छथि। ओ कहली जे सामूहिक संकल्प आ सहयोग सँ समाज मे बदलावक ठोस पहल कएल जा सकैत अछि। मैथिलानी समूह के संगठन मंत्री शारदा झा कहलनि जे “मानसिक विकलांगता केंद्रक बच्चा सभक संग समय बीतेनाय सभक लेल सबसँ भावुक पल रहल। बच्चा सबहक चेहरा पर छीड़ियाअल मुस्कान हमर सबहक काजक असली सफलता अछि।” “हमरा सबहक लक्ष्य समाजक वंचित वर्ग, खास कऽ क मानसिक विकलांगता सँ जूझि रहल बच्चा सभक केँ शिक्षा आ कलात्मक अभिव्यक्ति केँ मंच देब अछि।”
समूहक सदस्या सुषमा झा कहलनि— “ई समूह हमरा सभक दोसर पहचान बनि गेल अछि। प्रत्येक कार्यक्रम हमरा सभक केँ अपन संस्कृति सँ जोड़ैत अछि आ बच्चा सभक केँ हमर परंपरा सँ अवगत कराबैत अछि।” कविता झा अपन विचार साझा करैत कहलनि जे “स्थापना दिवस पर बच्चा आ महिलासभक प्रतिभा देखि लागल जे हमर आबय वाला पीढ़ी सेहो मैथिल संस्कृतिक मशाल थामि क आगू बढ़ि रहल अछि।” समूहक एक अन्य सदस्या श्वेता मिश्रा कहलनि जे “हम तय कएल जे आबय वाला साल में समूहक माध्यम सँ शिक्षा आ महिला सशक्तिकरणक लेल आओर पैघ स्तर पर काज कएल जाए।”