
–कालाजार के पुराने मरीजों का फॉलोअप और संदिग्धों की जांच जारी
शिवहर, प्रतिनिधि।
जिले में कालाजार एवं पीकेडीएल (चमड़ी का कालाजार) के उन्मूलन अभियान को और मज़बूती देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग एवं पिरामल स्वास्थ्य टीम द्वारा लगातार फील्ड गतिविधियाँ चलाई जा रही हैं। इसी क्रम में प्रोग्राम ऑफिसर संचारी रोग नवीन कुमार मिश्रा एवं आशा कार्यकर्ताओं की टीम द्वारा इंटेंसिफाई विलेज रामपुरकेशो एवं तरियानी छपरा में घर-घर जाकर संदिग्ध मरीजों की खोज की गई। साथ ही, टीम ने ग्रामीणों को कालाजार एवं फाइलेरिया जैसी संचारी बीमारियों के लक्षण, उपचार एवं रोकथाम के उपायों के बारे में जागरूक किया। लोगों को बताया गया कि समय पर जांच और उपचार से इस बीमारी को पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है, और सावधानी अपनाने से इसका प्रसार रोका जा सकता है।
सिविल सर्जन डॉ दीपक कुमार ने बताया कि टीम ने पहले वर्ष 2015 से 2025 तक प्रतिवेदित 230 कालाजार मरीजों का फॉलोअप किया। इस फॉलोअप का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सभी मरीज पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं और किसी में पुनः संक्रमण के लक्षण नहीं हैं। फॉलोअप के दौरान सभी मरीज सामान्य अवस्था में पाए गए।
जिला भीबीडी नियंत्रण पदाधिकारी डॉ सुरेश राम ने कहा कि सर्वेक्षण के दौरान दो नए संदिग्ध मरीजों की पहचान की गई, जिनका आरके-39 टेस्ट प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया। दोनों की रिपोर्ट नेगेटिव आई, जिससे क्षेत्र में कालाजार के नियंत्रण को लेकर सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
प्रोग्राम ऑफिसर नवीन कुमार मिश्रा ने बताया कि जिले में वर्ष 2015 से 2025 तक के सभी 230 कालाजार मरीजों का नियमित फॉलोअप जारी है। हमारा लक्ष्य शिवहर को कालाजार मुक्त बनाना है। स्वास्थ्य विभाग और पिरामल स्वास्थ्य की संयुक्त पहल से जिले में अब तक कालाजार के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है।”
जिला भीबीडी कंसल्टेंट मोहन कुमार ने आशा दीदियों और समुदाय से अपील की है कि यदि किसी व्यक्ति को लंबे समय तक बुखार, वजन घटने या त्वचा पर धब्बे जैसी समस्या हो तो तुरंत नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाकर जांच कराएं।
उन्होंने बताया कि जिले में कालाजार उन्मूलन के लिए सक्रिय सर्वेक्षण और फॉलोअप जारी। समुदाय में जागरूकता बढ़ाने के लिए टीम द्वारा निरंतर सूचना एवं परामर्श अभियान चलाया जा रहा है।
