चंपारण की खबर::नेपाल में सोशल मीडिया बैन के विरोध में हिंसक प्रदर्शन

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काठमांडू में 24 की मौत, बीरगंज में कर्फ्यू, भारत सीमा पर सुरक्षा कड़ी


मोतिहारी, राजन द्विवेदी।
नेपाल में सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है। राजधानी काठमांडू से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन अब सीमावर्ती क्षेत्रों तक पहुंच गया है। काठमांडू में पुलिस की गोलीबारी में 24 लोगों की मौत हो चुकी है। 200 से अधिक लोग घायल हैं। प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है।बीरगंज में हजारों युवाओं ने सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन किया। आगजनी की घटनाएं भी सामने आई। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सोमवार रात 9 बजे से कर्फ्यू लगा दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से घरों में रहने की अपील की है।भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। सशस्त्र सीमा बल के जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।रक्सौल-बीरगंज को जोड़ने वाले मैत्री पुल पर आवाजाही पूरी तरह बंद है। सामान्य दिनों में यह पुल दोनों देशों के बीच आवाजाही का मुख्य मार्ग होता है। नेपाल सरकार ने हाल ही में 26 सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बाद से देश में जन आंदोलन शुरू हो गया। प्रशासन और सुरक्षाबल लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
बॉर्डर पर एसएसबी की संख्या बढ़ा दी गई है। इसके साथ ही प्रत्येक आवागमन करने वाले लोगों की गहन जांच की जा रही है। बॉर्डर पर तैनात एसएसबी के जवानों और हरैया थाना को नेपाल के वीरगंज में किसी भी संभावित स्थिति के लिए 24 घंटा अलर्ट मोड में रहने का निर्देश दिया गया है।पल-पल का रिपोर्ट विभाग के उच्चाधिकारियों से साझा किया जा रहा है। पेट्रोलिंग लगातार किया जा रहा है। काठमांडू घटना और नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने नेपाल पुलिस सशस्त्र सुरक्षा बल, एपीएफ को लगाया है। प्रत्येक गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। प्रदर्शनकारियों का पुलिस के प्रति आक्रोश को देखते हुए दंगा नियंत्रण दस्ता को भी बुलाया गया है। वही कर्फ्यू के बाद मैत्री पुल पर सन्नाटा छाया हुआ है।


यूट्यूब समेत 16 ऐप्स पर लगा रोक


इसके अलावा अररिया जिले की जोगबनी चेकपोस्ट और सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया है। स्थानीय अधिकारियों ने थानों और एसएसबी को हाई अलर्ट पर रखा है। फिलहाल, स्थिति सामान्य बनी हुई है।हालांकि, नेपाल से अररिया जिले के जोगबनी बॉर्डर पर आने वाले नेपाली नागरिकों की संख्या में कमी देखी जा रही है। इस कारण जोगबनी बाजार में लगने वाले दैनिक मार्केट में नेपाली खरीदारों की संख्या कम देखीं जा रहीं हैं। जिससे जोगबनी के व्यापारियों के व्यापार प्रभावित हुई है।
नेपाल के दुबी निवासी राजन साह ने बताया कि सरकार ने यूट्यूब समेत 16 ऐप्स पर रोक लगा दी है। उनका कहना है कि नेताओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले प्लेटफॉर्म्स को बंद किया गया है। राजन के अनुसार देश में नेताओं का दमनकारी शासन चल रहा है। लोग या तो पलायन कर रहे हैं या फिर मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।


गृह मंत्री की कार ने छात्र को मारी थी टक्कर


विराटनगर वार्ड नंबर 6 के सुरज कुमार साह ने नेपाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले गृह मंत्री की कार ने एक छात्र को टक्कर मार दी। छात्र आईसीयू में है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस घटना के विरोध में पूरे नेपाल में प्रदर्शन हो रहे हैं।सुरज के मुताबिक काठमांडू में 14 लोगों की मौत की खबर है। विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए पुलिस और नेता आम नागरिकों पर बल प्रयोग कर रहे हैं। स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही है।


सरकार ने 3 सितंबर को सोशल मीडिया किया था बैन


नेपाल सरकार ने 3 सितंबर को फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया साइट्स पर बैन लगाने का फैसला किया था।इन प्लेटफॉर्म ने नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था। इसके लिए मंत्रालय ने 28 अगस्त को आदेश जारी कर 7 दिन का समय दिया था, यह समय सीमा 2 सितंबर को खत्म हो गई।रक्सौल के व्यापारी आलोक श्रीवास्तव ने बताया कि नेपाली व्यापारियों से संपर्क वॉट्सऐप पर होता था। ऑर्डर और भुगतान की जानकारी भी सोशल मीडिया से ही साझा की जाती थी। अब यह सब रुक गया  है।


तीन तरीकों से नेपाल से बिहार में एंट्री आसान


भारत और नेपाल के बीच ओपन बॉर्डर है। इससे लोगों को आने-जाने में आसानी होती है। नेपाल से बिहार के रास्ते भारत में एंट्री काफी आसान है। यह तीन तरीके से होती है।
पहला नेपाल के काठमांडू में ट्रैवल एजेंट भारत में एंट्री कराते हैं। ये फर्जी तरीके से नेपाली नागरिकता और भारतीय पहचान पत्र तक तैयार करते हैं।काठमांडू में सीमा हैदर ने भारत का फर्जी आधार कार्ड बनवाया था।
दूसरा नेपाल सीमा की पगडंडी के रास्ते अधिकतर घुसपैठ होती है। ये पगडंडियां नेपाल और भारत के बॉर्डर पर बसे गांवों में होती हैं। घुसपैठ करने वाले गांव के लोगों को लालच देकर एंट्री कर लेते हैं।
तीसरा नेपाली और भारतीय शक्ल के दिखने वाले विदेशी खुद से बॉर्डर क्रॉस कर जाते हैं। अक्सर संदेह होने या खुफिया जानकारी पर ही बॉर्डर पर जांच होती है।