
रिपोर्ट वैभव गुप्ता।
उन्होंने कहा कि बाढ़ से खेत, घर और सड़कें पानी में डूब गई हैं। लोगों के पास अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कोई संसाधन नहीं बचा है। ऐसे कठिन हालात में उनकी मदद करना मानवीय कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, खासकर पंजाब में ख़तरनाक स्थिति है। जिससे किसानों की फ़सलें बर्बाद हो गई हैं और पशुधन बाढ़ में बह गए हैं और हज़ारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है। जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष
पूर्व सांसद मौलाना सैयद महमूद असद मदनी के निर्देश पर जमीयत उलेमा ए हिंद की टीम बाढ़ प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद कर रही है इस समय बाढ़ प्रभावित लोगों को हमारे सहयोग की सख़्त ज़रूरत है। ऐसे में हमारी धार्मिक और नैतिक ज़िम्मेदारी है कि हम अपनी ज़रूरतों को कम करें और उन्हें मदद पहुँचाएँ। जमीयत उलेमा-ए-हिंद की ओर से बड़े पैमाने पर राहत कार्य “लोगों को धर्म की परवाह किए बिना हर तरह की सुविधाएँ मुहैया कराने की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन तबाही की भयावहता को देखते हुए व्यापक सहयोग की ज़रूरत है। उन्होंने सभी लोगों से पीड़ितों की मदद करने की अपील की है।