रामपुर मनिहारान/सहारनपुर/उप्र रामपुर मनिहारान जैन समाज के तत्वाधान में आयोजित दशलक्षण महापर्व का नौवां दिन उत्तम आकिंचन्य धर्म के रूप में मनाया गया।

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रिपोर्ट वैभव गुप्ता।

शुक्रवार को प्रातः मंदिर में श्री महावीर भगवान की प्रतिमा को पाण्डुकशिला पर विराजमान कर अभिषेक और शांतिधारा की गई। इसके बाद नित्य नियम पूजा, दशलक्षण पर्व पूजा , रत्न्त्रय पूजा ओर तेरह द्वीप विधान का आयोजन किया गया। प्रातः से ही मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। इस अवसर पर पं अंकित शास्त्री ने कहा कि दशलक्षण पर्व का नौवां दिन उत्तम आकिंचन्य धर्म का दिन है। उन्होंने आकिंचन्य धर्म का अर्थ बताते हुए कहा कि हमें अनावश्यक वस्तुओं का संग्रह नहीं करना चाहिए अधिक परिग्रह दुख का कारण है। परिग्रह के 24 भेद बताए गए हैं। ज्यादा परिग्रह व्यक्ति को सुख का नहीं दुख का अनुभव कराता है। शाम के समय श्री जी की भव्य आरती की गई। इसके बाद दमशराज प्रतियोगिता कराई गई। जिसमें सभी विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान जैन समाज के प्रधान मनोज जैन, महामंत्री निपुण जैन विद्यासागर जैन,शशांक जैन, अतुल जैन, प्रशांत जैन, ललित जैन, विजय जैन,अभिषेक शास्त्री, संजय जैन, सुधीर जैन, राहुल जैन, अंशुल जैन, विपुल जैन, नमन जैन, आर्जव जैन, नवीन जैन, ललित जैन, अरविंद जैन, पुष्पेन्द्र जैन, नीरज जैन, अमित जैन सहित समाज के महिला पुरुष मौजूद रहे।