वीआईपी पार्टी महागठबंधन के साथ, अफवाहों पर लगी विराम अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह करने की कि जा रही है कोशिश -इफ्तेखार अहमद

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जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।

जहानाबाद -बिहार चुनाव को लेकर वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के भाजपा से जुड़ने की अटकलों को पार्टी ने सिरे से खारिज किया है। पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ) इफ्तेख़ार अहमद ने स्पष्ट किया कि,हम महागठबंधन के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं। मुकेश सहनी दिल्ली व मुंबई पार्टी के कार्य से गए है सीटों पर बातचीत जारी है, लेकिन हमारी नीयत और निष्ठा में कोई दोराय नहीं। उन्होंने कहा कि वीआईपी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में बिहार में सामाजिक न्याय की सरकार बनाने के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ चुनावी मैदान में है।राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इफ्तेख़ार अहमद ने मीडिया अटकलों को बताया ‘राजनीतिक अफवाह’ बिहार की सियासत में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, राजनीतिक दलों की चालें तेज़ हो गई हैं। महागठबंधन जहां ज़ोर-शोर से रणनीति बना रहा है, वहीं विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के बारे में एक बार फिर मीडिया में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि पार्टी प्रमुख मुकेश सहनी भाजपा के संपर्क में हैं। लेकिन इन चर्चाओं पर आज वीआईपी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष (अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ) इफ्तेख़ार अहमद ने सख़्त प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने हमें दूरभाष पर बताया, ये सब कोरी बकवास है। हम महागठबंधन के साथ थे, हैं और रहेंगे। मुकेश सहनी जी दिल्ली और मुंबई में कुछ पार्टी के काम और इंटरव्यू के सिलसिले में गए हैं। हमारी नीयत साफ़ है हम तेजस्वी यादव जी के नेतृत्व में बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाने के लिए पूरी ईमानदारी से चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। तेजस्वी यादव के आवास पर हाल में हुई महागठबंधन की महत्वपूर्ण बैठक में मुकेश सहनी की गैरमौजूदगी को लेकर विपक्षी खेमे और मीडिया में चर्चाओं का दौर शुरू हुआ।

इस पर सफाई देते हुए इफ्तेख़ार अहमद ने कहा, मीटिंग की सूचना देर रात मिली थी, तब तक सहनी जी हम दिल्ली के लिए रवाना हो चुके थे। उनकी अनुपस्थिति का यह मतलब निकालना कि हम गठबंधन छोड़ने वाले हैं, सरासर झूठ है। हमारी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बैठक में शामिल हुए थे।“बिहार में हमारी ताक़त को कम मत आंकिए” इफ्तेख़ार अहमद ने आगे कहा,“हम सन ऑफ मल्लाह की पार्टी हैं। हमने ज़मीनी स्तर पर संघर्ष किया है। हम समाज के सबसे पिछड़े वर्गों की आवाज़ हैं। बीजेपी के बुलावे या अफवाहों से हमारी नीयत नहीं डगमगाएगी। हमें अपने मतदाता, अपनी ज़िम्मेदारी और अपने गठबंधन पर गर्व है। हालांकि मुकेश सहनी ने हाल ही में अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर 60 सीटों पर लड़ने का संकेत दिया है, लेकिन इफ्तेख़ार अहमद ने स्पष्ट किया, सीट शेयरिंग पर बातचीत जारी है। कांग्रेस 70, भाकपा-माले 45 सीटों पर दावा कर रही है। हमारी मांग वाजिब है और जल्द ही सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा। महागठबंधन मजबूती से एकजुट है। 2018 में बनी वीआईपी पार्टी को हल्के में लेना भूल होगी। मल्लाह समाज के साथ-साथ अल्पसंख्यक समाज के बीच भी पार्टी ने अपना जनाधार बनाया है। इफ्तेख़ार अहमद जैसे ज़मीन से जुड़े नेता की मौजूदगी इस बात का सबूत है कि वीआईपी न केवल अपने समुदाय के अधिकारों के लिए लड़ रही है, बल्कि बिहार में सामाजिक न्याय की आवाज़ बन चुकी है। जो लोग अफवाहों के जरिए गठबंधन को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं, वे जान लें — वीआईपी एक “चट्टान” है और तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनाने के लिए पूरी तरह समर्पित है।