*कांटी विधानसभा का सियासी अखाड़ा: शिलान्यास बनाम शिलापट्ट, ‘विकास’ की अनोखी जंग*

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*उमेश सहनी राज्य व्यूरो बिहार*


बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने में चंद दिन क्या बचे, कांटी विधानसभा क्षेत्र तो मानो रणभूमि में तब्दील हो गया है! एक तरफ स्थानीय विधायक इसराइल मंसूरी “विकास पुरुष” बनने की होड़ में ताबड़तोड़ शिलान्यास कर रहे हैं, तो दूसरी ओर पूर्व मंत्री अजीत कुमार उन्हें ‘शिलापट्ट पुरुष’ का खिताब देकर जनता के साथ धोखाधड़ी का आरोप लगा रहे हैं.
अभी पिछले दिनों की ही बात है, जब विधायक जी ने धड़ाधड़ कई सड़कों का शिलान्यास किया. इस ‘विकास की आंधी’ पर पूर्व मंत्री अजीत कुमार ने तुरंत ब्रेक लगाया और विधायक के “कारनामों की कलई खोल दी.” उन्होंने बड़े व्यंगात्मक लहजे में कहा कि विधायक जी जगह-जगह शिलापट्ट लगाकर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हकीकत ये है कि अधिकतर योजनाएं तो अभी पारित भी नहीं हुई हैं! ऐसा लगता है, विधायक जी सिर्फ नाम का बोर्ड लगाकर जनता को ‘ठग’ रहे हैं, या शायद उन्हें ये उम्मीद है कि जनता सिर्फ सुंदर शिलापट्ट देखकर ही वोट दे देगी!
पूर्व मंत्री ने आगे बताया कि नियमानुसार, सड़क मरम्मत के लिए विभागीय बोर्ड लगाया जाता है, जिस पर योजना की पूरी जानकारी, संवेदक का नाम, प्राक्कलित राशि, कार्य प्रारंभ होने की तिथि और पूर्ण होने की अंतिम तिथि जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां अंकित होती हैं. लेकिन कांटी में ऐसा एक भी बोर्ड नहीं लगा है. अजीत कुमार ने विधायक पर आरोप लगाया कि वे आचार संहिता से पहले जनता की आँखों में धूल झोंककर वोट बटोरने की जुगत में हैं और इन सभी मामलों में विभागीय कार्रवाई की चेतावनी भी दे डाली है.
अब भला विधायक जी चुप कैसे रहते? इसराइल मंसूरी ने भी अजीत कुमार को आड़े हाथों लेते हुए पलटवार किया. उन्होंने बड़े बेपरवाही से कहा कि जिस शख्स को जनता ने दो बार नकार दिया हो, ऐसे लोगों का वे संज्ञान ही नहीं लेते. उन्होंने अजीत कुमार पर अपने विधायक कार्यकाल में कांटी की “माटी को कलंकित” करने का आरोप भी मढ़ दिया. विधायक जी का दावा है कि पूर्व मंत्री सड़क पर खड़े होकर ‘लेवी वसूलते’ थे और अब दूसरों को भ्रष्ट बताने चले हैं. उन्होंने अजीत कुमार को अपने गिरेबान में झाँकने की सलाह दी और आत्मविश्वास के साथ कहा कि कांटी की जनता अब उन्हें अच्छी तरह जान चुकी है और चुनाव के मैदान में “सब लोगों का हिसाब-किताब होगा.”
तो लीजिए, कांटी में चुनाव से पहले ही ‘जुबानी जंग’ अपने चरम पर है. एक तरफ ‘विकास’ के नाम पर शिलान्यास और शिलापट्ट की राजनीति, तो दूसरी तरफ ‘भ्रष्टाचार’ और ‘जनता को धोखा’ देने के आरोप. लगता है, कांटी की जनता को सिर्फ विकास नहीं, बल्कि मनोरंजन की भी भरपूर खुराक मिलने वाली है! अब देखना यह है कि इस सियासी दंगल में जनता किस ‘विकास पुरुष’ या ‘शिलापट्ट पुरुष’ पर अपना भरोसा जताती है.