गुरु अर्जुन देव की शहीदी दिवस पर दिबौर में लंगर का किया गया आयोजन,शरबत भी बटीं

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रजौली

प्रखंड क्षेत्र के चितरकोली पंचायत स्थित दिबौर में लंगर का आयोजन खालसा ढाबा के प्रबंधक द्वारा किया गया।साथ ही आने-जाने वाले राहगीरों के बीच शरबत का भी वितरण किया गया।इस मौके पर उपस्थित रहे अवतार सिंह एवं राजकुमार यादव ने बताया कि सिख धर्म के पांचवें गुरु अर्जुन देव सिखों के महानतम गुरुओं में से एक हैं,जिन्होंने अपने पिता गुरु रामदास से सिख समुदाय का नेतृत्व संभाला और सफलतापूर्वक इसका विस्तार किया।किंतु जहांगीर और उसके बेटे खुसरो के बीच मुगल वंश का विवाद चल रहा था,जहांगीर द्वारा विद्रोह का संदेह था,जिसमें अर्जन देव ने खुसरो को आशीर्वाद दिया और इस तरह हार गया।जहांगीर ईर्ष्यालु और क्रोधित था, और इसलिए उसने गुरु की फांसी का आदेश दिया।गुरु अर्जुन देव जी सिख धर्म के पहले शहीद थे और अपने महान कार्यों के लिए जाने जाते हैं।लोग इस दिन धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं और “श्री गुरु ग्रंथ साहिब” का पाठ करते हैं एवं ‘लंगर’ में भोजन भी वितरित किया जाता है।गुरु अर्जुन देव जी शहीदी दिवस 30 मई 2025 को मनाया जाता है।गुरु अर्जन देव जी की बहादुरी,दृढ़ता और आशावाद का सम्मान करने के लिए हर साल छबील दिवस मनाया जाता है।सिख समुदाय के लोगों को उमस भरी गर्मी से बचने और आशावाद और विश्वास के मूल्य का संदेश फैलाने के लिए ठंडा,प्यास बुझाने वाला पेय प्रदान करता है।इस मौके पर विशाल सिंह,पूर्व मुखिया सुनीता देवी के साथ रजौली संगत के पदाधिकारीगण मौजूद रहे।