
मोतिहारी, राजन द्विवेदी।
मोतिहारी महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय का दीक्षारंभ समारोह का आयोजन महात्मा गांधी प्रेक्षागृह में किया गया । जिसका उद्घाटन केंद्रीय कोयला एवं खनन राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे, केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय के राज्यमंत्री डॉ. राजभूषण चौधरी, पूर्व केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद राधा मोहन सिंह, दक्षिण बिहार केंद्रीय विवि के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह एवं महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। साथ ही आगत अतिथियों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद करते हुए नमन किया। वहीं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने करते हुए अतिथियों को सम्मानित किया। जबकि इस दीक्षारंभ कार्यक्रम की समग्र समन्वयन समिति के अध्यक्ष तथा विश्वविद्यालय के मुख्य कुलानुशासक प्रो. प्रसून दत्त रहे।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कोयला एवं खनन मंत्रालय भारत सरकार के राज्य मंत्री सतीश चन्द्र दुबे ने कहा कि महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के इस ‘दीक्षारंभ’ कार्यक्रम में उपस्थित होकर मुझे अत्यंत ही गर्व एवं हर्ष की अनुभूति हो रही है। यह अवसर मेरे लिए सम्मान का विषय है। प्रिय विद्यार्थियों, ‘दीक्षारंभ’ केवल एक कार्यक्रम नहीं है, यह आपकी नई यात्रा का उद्घोष है। आज से आप विश्वविद्यालय जीवन में प्रवेश कर रहे हैं। यहां आपको केवल शिक्षा ही नहीं मिलेगी, बल्कि संस्कार, अनुशासन और समाज के प्रति जिम्मेदारी का बोध भी मिलेगा।मैं स्वयं किसान परिवार से जुड़ा हूं और मैंने देखा है कि मेहनत और शिक्षा का संगम ही जीवन को सफल बनाता है। आप सभी का यह जीवन-काल सबसे मूल्यवान है। यही समय है जब आप अपना व्यक्तित्व गढ़ सकते हैं और अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

महात्मा गाँधी ने कहा था “शिक्षा का अर्थ है, चरित्र निर्माण, सत्य और अहिंसा की साधना।” इन्हीं आदर्शों के साथ आपको आगे बढ़ना है।आज भारत एक नए युग की ओर बढ़ रहा है। विज्ञान, तकनीक, कृषि, पर्यावरण, हर क्षेत्र में असीम संभावनाएँ हैं। इन संभावनाओं का लाभ आप तभी उठा पाएँगे जब आप अनुशासित, परिश्रमी और दूरदर्शी होंगे। प्रिय विद्यार्थियों, आप यह न भूलें कि आपकी शिक्षा केवल आपकी व्यक्तिगत प्रगति के लिए नहीं, बल्कि इस समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए भी है। आप जहाँ भी जाएँ, अपने गाँव, अपने शहर और अपने विश्वविद्यालय का नाम रोशन करें। आपके भीतर की ऊर्जा ही भारत की शक्ति है। आपके सपने ही भारत का भविष्य हैं। इसलिए “बड़े सपने देखिए, उन्हें पूरा करने का साहस रखिए, और समाज व देश के लिए उपयोगी बनिए।”आज देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ आई है, जिसकी आत्मा है ‘भारतीय ज्ञान परंपरा’। आपको यह जानना होगा कि ज्ञान केवल किताबों में नहीं, बल्कि हमारी मिट्टी, हमारे लोकगीतों, हमारी परम्पराओं और संस्कृति में भी है। अपने चहुंओर फैले ज्ञान को आत्मसात कीजिए, अपने व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कीजिए, शिक्षा और संस्कार से परिपूर्ण होइए और भारत को विश्वगुरु बनाने की दिशा में अपना योगदान दीजिए।चम्पारण की धरती केवल बिहार की नहीं, बल्कि पूरे भारत की आज़ादी की प्रयोगशाला रही है। यह वही भूमि है जहाँ सत्याग्रह की नींव रखी गई और जहाँ से महात्मा गाँधी के नेतृत्व में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने एक नई दिशा प्राप्त की। इसी संघर्ष की स्मृति और इसी धरती की ऐतिहासिक महत्ता को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने महात्मा गाँधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, मोतिहारी की स्थापना की। यह केवल एक विश्वविद्यालय नहीं है, बल्कि चम्पारण सत्याग्रह की जीवंत स्मृति है। यहाँ शिक्षा का उद्देश्य केवल रोजगार पाना नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण, सामाजिक जिम्मेदारी और राष्ट्र निर्माण भी है। यह ज़िम्मेदारी आप सभी युवा साथियों पर है कि आप इस विश्वविद्यालय की स्थापना को सार्थक करें।सांसद राधामोहन सिंह ने कहा कि मुझे यह कहते हुए अत्यंत ही प्रसन्नता एवं गर्व की अनुभूति हो रही है कि महज 9 वर्षों के इस विश्वविद्यालय ने आशातीत प्रगति की है। मैं इस विश्वविद्यालय के स्थापना काल से ही इससे जुड़ा रहा हूँ और इस विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठा देखकर मेरा हृदय गदगद हो उठता है। पिछले दो दीक्षांत समारोहों में भारत के राष्ट्रपति महोदय एवं उपराष्ट्रपति महोदय के आगमन ने इस संस्थान की गरिमा बढाई है। एक नव-प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान के लिए इससे ज्यादा गौरव की बात और क्या हो सकती है ?उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के भवन-निर्माण प्रक्रिया यथाशीघ्र पूर्ण होगी और मैं आपको आश्वस्त करता हूँ कि वह दिन दूर नहीं जब विश्वविद्यालय अपने भव्य भौतिक स्वरुप को प्राप्त करेगा। सरकार और प्रशासन दिन रात इस दिशा में कार्यरत है। लेकिन एक शैक्षणिक संस्थान की असली पूँजी उसके शिक्षक एवं छात्र हैं। महात्मा गाँधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय, अपने शिक्षकों और छात्रों की अद्वितीय मेधा से प्रकाशमान है और यह विश्वविद्यालय निश्चित रूप से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा।इस कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राज्य मंत्री डॉ. राज भूषण चौधरी , दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय गया के कुलपति, प्रो. के. एन. सिंह ने भी समारोह को संबोधित किया। मौके पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, विद्यार्थी एवं गणमान्य लोग मौजूद थे।