चंपारण की खबर::ब्रह्मा बाबा की 56 वीं पुण्य स्मृति दिवस नए संकल्प के साथ मनाया

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मोतिहारी / राजन द्विवेदी।

ब्रह्माकुमारी पतौरा पाठशाला में ब्रह्मा बाबा की 56 वीं पुण्य स्मृति दिवस नए संकल्प के साथ मनाई गई। इस दौरान बताया कि
गीता ग्रंथ में बताए गए धर्म ग्लानी के समय परमपिता परमात्मा का अवतरण भारत की भूमि पर आज से 90 वर्ष पूर्व हुआ और उनके द्वारा नई दुनिया का निर्माण कार्य चल रहा है जो अब अंतिम चरण में है। भारत बहुत जल्द विश्व गुरु बनने जा रहा है। यह बातें नगर से सटे पतौरा लाल टोला में विगत 18 वर्षो से संचालित ब्रह्माकुमारी पाठशाला में आयोजित ब्रह्म बाबा की 56 वीं पुण्य स्मृति दिवस समारोह के अवसर पर पाठशाला प्रभारी बीके अशोक वर्मा ने कही । उन्होंने कहा कि प्रत्येक 5000 वर्ष के अंतराल पर भारत की भूमि पर परमात्मा का अवतरण होता है। वे पतित दुनिया को पावन बनाते हैं। यह कार्य 1936 मे तत्कालीन भारत के कराची में स्थापित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय जो अब 1950 से माउंट आबू में संचालित है के द्वारा परमात्मा नई दुनिया का निर्माण कार्य कर रहे हैं। संस्था की स्थापना ब्रह्मा बाबा के माध्यम से स्वयं परमपिता परमात्मा ने किया था और ब्रह्मा बाबा में विशेष गुण और शक्ति उन्होंने भरी थी। जिसके बदौलत आज यह संस्था विश्व के 140 देश में मूल्यों के पुनर्निर्माण का कार्य कर रही है। कार्यक्रम में पधारे अवकाश प्राप्त दूरसंचार कर्मी बीके हरिशंकर त्रिपाठी ने 25 वर्षों के अपनी ईश्वरीय यात्रा का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि मनुष्य में अगर दृढ़ निश्चय और संकल्प रहे तो कोई भी कार्य असंभव नहीं। ब्रह्माकुमारी द्वारा किया जाने वाला ज्ञान कोई नया नहीं है हर कल्प में परमात्मा स्वयं आकर ज्ञान देते हैं और आत्माओं को सशक्त करते हैं ।ब्रह्मा बाबा संपूर्णता को प्राप्त कर 1969 में शरीर छोड अव्यक्त सेवा अभी कर रहे हैं ।लक्ष्मण चौक बीके पाठशाला के प्रभारी बीके बंशीधर भाई ने कहा कि आज जन्म मरण के चक्कर में आने से आत्मा का पावर कमजोर हो गया है। शिव बाबा ने ब्रह्मा बाबा के द्वारा आत्माओं को सशक्त कर रहे हैं ।वे 1969 में अव्यक्त होकर पूरे विश्व की सेवा कर रहे हैं । भारत बहुत जल्द विश्व गुरु बनने जा रहा है। कार्यक्रम में उपस्थित रहने वालों में मुख्य रूप से मनोहर भाई ,अवकाश प्राप्त शिक्षिका निर्मला माता, गायत्री माता,निरूपा वर्मा , नीलम माता, पार्वती माता ,सुमन माता, चंदा माता,शीला माता आदि मुख्य रूप से थे। सभी लोगों ने ब्रह्मा बाबा के चित्र पर पुष्प अर्पण कर उन्हें नमन किया और उनसे शक्ति अर्जित की।