चंपारण की खबर::मोतिहारी कोर्ट में कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

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– 300 से अधिक कर्मी धरने पर बैठे, जमानत और रिमांड की कार्रवाई प्रभावित


मोतिहारी /  राजन द्विवेदी।
बिहार राज्य व्यवहार न्यायालय कर्मचारी संघ की चार सूत्री मांगों को लेकर मोतिहारी जिला न्यायालय के कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल के कारण न्यायालय का दैनिक कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है। खासतौर पर आपराधिक मामलों में आरोपियों की रिमांड और जमानत प्रक्रिया पूरी तरह से रुक गई है। कर्मचारी संघ के सचिव राज प्रकाश ने बताया कि उनकी हड़ताल निम्नलिखित मांगों को लेकर है। कर्मचारियों को वेतन में सुधार की आवश्यकता है। न्यायालय कर्मचारियों के लिए न्यायिक कैडर प्रणाली लागू हो। तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों को पदोन्नति का उचित अवसर दिया जाए। मृत कर्मचारियों के परिवारों को अनुकंपा के आधार पर शीघ्र नियुक्ति दी जाए।राज प्रकाश ने आरोप लगाया कि सरकार और न्यायालय प्रशासन कर्मचारियों के साथ ‘बीच का पेंडुलम’ जैसा व्यवहार कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “कर्मचारियों से 12 घंटे काम लिया जाता है, लेकिन मृत्यु के बाद उनके परिवारों को अनुकंपा का फायदा तक नहीं मिलता।मोतिहारी कोर्ट में कार्यरत 300 से अधिक तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने पहले ही अपनी मांगों को लेकर प्रशासन को चेतावनी दी थी। बुधवार शाम को कर्मचारियों ने न्यायालय की चाबी सौंपकर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने निर्णय लिया है कि किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को कोर्ट परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, हड़ताल जारी रहेगी। जेल में बंद कैदियों और गिरफ्तार आरोपियों के मामलों की सुनवाई प्रभावित हो रही है। न्यायालय से संबंधित सभी दैनिक कार्य रुक गए हैं। न्यायालय में लंबित मामलों के कारण वादियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है।कर्मचारियों ने सरकार और न्यायालय प्रशासन से मांग की है कि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो आंदोलन और तेज होगा।