मोतिहारी / राजन द्विवेदी।
मूल नक्षत्र एवं धनु राशि की सूर्य संक्रांति 16 दिसम्बर सोमवार को दिन में 07:29 बजे से होगी। अर्थात् भगवान सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जायेंगे और इसी के साथ खरमास प्रारंभ हो जाएगा। खरमास की अवधि में पूजा-पाठ,ग्रह शान्ति आदि अनुष्ठान वर्जित नहीं है। केवल विवाह, उपनयन, गृहारम्भ, गृहप्रवेश आदि मांगलिक कार्य करना इसमें निषेध माना गया है।
उक्त जानकारी महर्षिनगर स्थित आर्षविद्या शिक्षण प्रशिक्षण सेवा संस्थान-वेद विद्यालय के प्राचार्य सुशील कुमार पाण्डेय ने दी।
उन्होंने बताया कित खरमास की समाप्ति 14 जनवरी मंगलवार को दिन में 02:58 बजे मकर राशि की सूर्य संक्रांति के साथ होगी। अर्थात् भगवान सूर्य मकर राशि में प्रवेश कर जायेंगे। इसका पुण्यकाल दिनभर माना जाएगा और खिचड़ी का प्रसिद्ध पर्व व मकर संक्रांति का पवित्र स्नान -दान भी इसी दिन अर्थात् 14 जनवरी मंगलवार को ही सम्पूर्ण दिन किया जा सकेगा। इस दिन सूर्य उत्तरायण हो जायेंगे और खरमास समाप्त हो जाएगा तथा इसी के साथ विवाह आदि मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जायेंगे।