– गांधी जयंती पर सांसद ने सफाई कार्य से की कार्यक्रमों की शुरुआत
मोतिहारी / राजन द्विवेदी।
आज 155 वीं गांधी जयंती के अवसर पर बापू की कर्मभूमि पूर्वी चंपारण के जिला मुख्यालय मोतिहारी में सुबह से ही कार्यक्रमों की धूम मची रही। सर्वप्रथम सुबह सांसद राधा मोहन सिंह ने स्वच्छता ही सेवा के अंतर्गत महात्मा गांधी की स्मृति में निर्मित चरखा पार्क में स्वच्छता कार्य किया।
आयोजित कार्यक्रम में कोयला एवं खनन राज्य मंत्री, भारत सरकार सतीश चंद्र दुबे, सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह, मोतिहारी विधायक पूर्व मंत्री बिहार सरकार प्रमोद कुमार, जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल, अपर समाहर्ता मनीष कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी मोतिहारी सदर, नगर आयुक्त सौरभ सुमन यादव, महात्मा गांधी फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ० आशुतोष शरण, चरखा पार्क निर्माण समिति के संयोजक मार्तण्ड नारायण सिंह सहित प्रशासनिक पदाधिकारियों सहित अन्य लोगों ने गांधी स्मारक पर एवं चरखा पार्क में बापू की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि अर्पित की।
उसके बाद चरखा पार्क के प्रेरणा परिसर के सभागार में बापू के प्रिय भजन “रघुपति राघव राजा राम, पतित पावन सीता राम” एवं “वैष्णव जन तो तेने कहिए जे, पीर पराई जाने रे” सहित अन्य भजनों का गायन हुआ। जिसका श्रवण अतिथियों एवं उपस्थित लोगों ने किया। कलाकारों में हारमोनियम पर रत्नप्रिया, निर्मल कुमार एवं डॉ० आरती रानी, तबला पर कुन्दन वत्स, कीबोर्ड विकास कुमार, कोरस के कलाकार विवेक शिरोमण, निशिता कुमारी
आरती रानी, निर्मल कुमार, जागृति, यामिनी
कुमार, अदिति, सिमरन, श्वेता, श्वेतांजलि की सहभागिता रही।
लोक दर्शन प्रेरणा भवन में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पार्पण कर चम्पारण सत्याग्रह पर बने वृतचित्र को देखा। उसके बाद स्वच्छता पर रंगकर्मी एवं कवि धनुषधारी कुशवाहा के नेतृत्व में चेतना कला जत्था ने नुक्कड़ नाटक “स्वच्छ भारत स्वस्थ्य भारत” का प्रदर्शन हुआ।
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री श्री दुबे ने कहा कि विश्व में महात्मा गांधी के विचारों का कोई विकल्प नहीं है। वर्तमान समय में महात्मा गांधी अधिक प्रासंगिक हैं। आज पूरा विश्व हिंसा और वैमनस्य से आक्रांत है। स्वच्छता के साथ महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा के विचार और आचरण को आत्मसात कर के ही विश्व में शांति स्थापित हो सकती है।
सांसद श्री सिंह ने कहा कि इंसान महान पैदा नहीं होता है, उसके विचार उसे महान बनाते हैं। विचार और काम की शुद्धता और सरलता ही महान लोगों को आम लोगों से अलग करती है। वे वही काम करते हैं, जो दूसरे करते हैं, लेकिन उनका मकसद समाज में बदलाव लाना होता है। हमारे महात्मा गांधी का व्यक्तित्व ऐसा ही था।
बापू ने कहा था कि स्वतंत्रता और स्वच्छता में किसी एक को चुनना हो तो मैं स्वच्छता को चुनूंगा। बापू के इस कथन के आलोक में स्वच्छता के महत्व को सहज ही समझा जा सकता है।