मोतिहारी / राजन द्विवेदी।
द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अवधेश कुमार ने हत्या के एक मामले में दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को आजीवन कारावास व पांच हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थ दंड नहीं देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा पिपराकोठी थाना के बेला निवासी रामेश्वर राय को हुई। घटना साढ़े चार दशक पूर्व की है। मामले में पिपराकोठी थाना के वाटगंज निवासी इलाही बक्स अंसारी ने मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 6/1980 दर्ज कराते हुए डेढ़ दर्जन लोगों को नामजद एवम अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराया था। जख्मी हालत में सदर अस्पताल मोतिहारी में पुलिस को उसने बयान दिया था कि वह बेला गांव के शेख सनाउल्लाह के यहां नौकरी करते थे। 21 जून 1980 की संध्या करीब पांच बजे वे अपने मालिक के यहां गवास पर उनके मवेशी को चारा खिला रहे थे। उसी दौरान वाटगंज की ओर से नामजद लोगों सहित 25-30 आदमी हरवे हथियार से लैश होकर आए। वे लोग चारा मशीन सहित अन्य सामान को तोड़फोड़ करने लगे तथा मारपीट करने लगे। इस दौरान उनलोगों द्वारा कई राउंड गोली भी चलाई गई। जिससे आधा दर्जन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। उस समय उसके मालिक शेख सनाउल्लाह गवास पर नहीं थे। सभी घायलों का ईलाज सदर अस्पताल मोतिहारी में हुआ। जहां ईलाज के दौरान सफायतुल्लाह उर्फ परवेज की मौत हो गई। घटना चुनावी रंजिश को लेकर की गई थी। सत्रवाद 261/1983 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक सुदामा बैठा सहित आधा दर्जन अपर लोक अभियोजको ने 15 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन साक्ष्य रखा था। वहीं बचाव पक्ष की ओर से चार लोगों की गवाही हुई थी। वाद विचारण के दौरान धीरे धीरे आधा दर्जन अभियुक्तों की मृत्यु हो गई तथा कई अभियुक्तों के वाद पृथक हो गए। उपरोक्त वाद के पांच अभियुक्तों में रामाशीष साह, जयमंगल साह, विश्वनाथ राय व रूपलाल राय को न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। वहीं अभियुक्त रामेश्वर राय को दोषी पाते हुए न्यायाधीश ने उक्त सजा सुनाए।