सहारनपुर/उप्र/रामपुर मनिहारान श्री दिगम्बर जैन समाज के तत्वाधान में चल रहे दशलक्षण महापर्व का दूसरा दिन उत्तम मार्दव धर्म के रुप में मनाया गया।

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रिपोर्ट वैभव गुप्ता।


सोमवार को मौहल्ला इकराम में स्थित बड़े जैन मंदिर में आयोजित श्री समवशरण महामंडल विधान में बाहर से आए कलाकारों द्वारा थर्माकोल से निर्मित भव्य समोशरन में विराजमान तीर्थंकर भगवान की पूजा अर्चना बड़ी धूमधाम से की गई। प्रातः श्री जी का अभिषेक और शांतिधारा की गई। सोलहकारण पूजा और पंचमेरु पूजा मुख्य रूप से की गई। इस अवसर पर प्रवचन देते हुए पंडित अंकित शास्त्री जी ने कहा कि उत्तम मार्दव का अर्थ है श्रेष्ठ विनम्रता। उत्तम मार्दव का का अर्थ है विनम्रता और दूसरो के प्रति अहंकार हीनता। यह गुण हमे सिखाता है की हमे अपने भीतर से अहंकार को दूर करना चाहिए और सभी के प्रति समता का भाव रखना चाहिए। विनम्रता से व्यक्ति में दूसरो के प्रति सहानुभूति और सम्मान की भावना विकसित होती है। शाम के समय महाआरती की गई।
इस दौरान जैन समाज के प्रधान मनोज जैन, महामंत्री निपुण जैन, डॉ राजेश जैन, शशांक जैन, अनुराग जैन, भूपेंद्र जैन,आर्जव जेन, वीरेश जैन, अंशुल जैन, नवीन जैन, मामचंद जैन, अरिहंत जैन, सुधीर जैन सहित समाज के सैकड़ों महिला पुरुष मौजूद रहे ।