चंपारण की खबर::चमकी बुखार से बचाव को जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन : सीएस

Breaking news News बिहार स्वास्थ्य

– ग्रामीणों को दी जा रही है चमकी को धमकी देने की सिख

मोतिहारी / राजन द्विवेदी।
जिले में चमकी को धमकी देने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सक्रिय होकर कार्यक्रम चला रही है, वहीं जिले में अब जनप्रतिनिधि भी लोगों को जागरूक करने में शामिल हो सक्रिय भूमिका निभा रहें है।मोतिहारी सदर प्रखंड में सेंटर फॉर कैटालिजिंग चेंज और स्वास्थ्य विभाग के साथ ही उप मुखिया प्रभावती देवी पंचायत कटहां ने अपने वार्ड के साथ “चमकी को धमकी” पर समुदायक चौपाल का आयोजन किया। चौपाल में शाहिद सिद्धिकी, सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी, कटहां के द्वारा चमकी बुखार होने के कारण, लक्षण और बचाव पर समुदाय के लोगो को जागरूक किया गया।वहीं उप मुखिया प्रभावती देवी ने उपस्थित लोगो को चमकी से होने खतरा से पहले ही बच्चों को सुरक्षित रखने की अपील की, बच्चों को कड़ी धुप में घरों से न निकलने और किसी भी प्रकार बच्चो में को चमकी जैसी हरकत दिखने पर तुरंत सरकारी अस्पताल में ले जाने या आशा को सूचित कर बच्चे को अस्पताल तक पहुंचाने के अपील की।चौपाल में सी थ्री जिला समन्वयक आदित्य राज और प्रखंड समन्वयक सारिका ने उपस्थित लोगों को लीफलेट के माध्यम से चमकी से बचाव के तरीके बताए।
जिले के वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ शरत चंद्र शर्मा ने बताया की चमकी को धमकी देने को लेकर जिले के चमकी प्रभावित क्षेत्र समेत अन्य प्रखंड क्षेत्र में लोगों को जागरूक करते हुए बच्चों को धूप में न जाने देने,रात को खाली पेट सोने न देने, एवं रात्रि में , खाना जरूर खिलाने की बातें बताई जा रहीं है। उन्होंने बताया की चमकी बुखार की जानकारी के लिए सभी प्रखंड में कंट्रोल रूम संचालन हो रहा है।उन्होंने बताया की चमकी के लक्षण होने पर देरी बिलकुल भी न करें, तुरंत सरकारी अस्पताल लेकर आए।चमकी प्रभावित मरीजों के लिए एंबुलेंस के साथ मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के वाहनों को टैग किया गया है। एंबुलेंस नहीं मिलने पर किसी वाहन से हॉस्पिटल ले जाएं। हॉस्पिटल द्वारा किराया का भुगतान किया जाएगा।
जिले के सिविल सर्जन डॉ विनोद कुमार सिँह ने बताया कि अप्रैल से जुलाई तक बढ़ते तापमान में एईएस / जेई का खतरा होता है। इससे बचाव के लिये अभिभावक अपने बच्चे की धूप से बचाएं। रात को किसी भी हालत में भूखे नहीं सोने दें। दिन में एक बार ओआरएस घोल कर जरूर पिलाएं। बच्चे को कच्चा लीची नहीं खाने दें। बच्चा अगर घर में भी है तो घर की खिड़की व दरवाजा बंद नहीं करें।कमरा हवादार रहने दें। रात में हल्का मीठा जरूर दें, बच्चों पर ध्यान दें. किसी प्रकार की दिक्कत हो तो तुरंत सरकारी अस्पताल लेकर आए।