
मोतिहारी, राजन द्विवेदी।
श्रम संसाधन विभाग बिहार के निर्देश के आलोक में चकिया श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के नेतृत्व में चकिया प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत विशेष धावा दल ने आज विभिन्न प्रतिष्ठानों में सघन जांच अभियान चलाया।
जांच के क्रम में चकिया प्रखंड के कुल-02 प्रतिष्ठानो से 01-01 बाल श्रमिक को अर्थात कुल-02 बाल श्रमिकों को धावा दल की टीम ने विमुक्त कराया। साथ ही श्रम अधीक्षक रमाकांत ने यह स्पष्ट किया कि यह अभियान पूर्वी चंपारण जिला अंतर्गत लगातार क्रियाशील रहेगा।
बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के तहत सभी नियोजकों के विरूद्ध संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। जबकि सभी विमुक्त बाल श्रमिकों को बाल कल्याण समिति, पूर्वी चंपारण, मोतिहारी के समक्ष उपस्थापित कर उन्हें बाल गृह में रखा गया है।
श्रम अधीक्षक रमाकांत ने बताया कि बच्चों से प्रतिष्ठान में कार्य कराना बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन के अंतर्गत गैर कानूनी है। बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 के अतर्गत बाल श्रमिकों से कार्य कराने वाले व्यक्तियों को 20 हजार रूपये से 50 हजार रूपये तक का जुर्माना और 2 वर्षों तक का कारावास का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त सर्वोच्च न्यायालय के निदेश के आलोक में सभी नियोजकों से 20,000/- (बीस हजार रू.) प्रति बाल श्रमिक की दर से राशि की वसूली की जाएगी।
आज की इस विशेष धावा दल की टीम में श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, चकिया, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, फेनहरा, श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, बनकटवा, प्रथम संस्था के प्रतिनिधि एवं चकिया थाना से 06 पुलिस कर्मी एवं एंटी ह्यूमन टै्रफिकिंग यूनिट की टीम शामिल थी।
