महिला शिक्षिका बंद के दौरान प्रर्दशनकारीयो का हुई शिकार,और शिक्षा विभाग भी शिक्षिका को थमा दिया लेटर।

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शिक्षा विभाग ने दिखाई भाजपा कार्यकर्ताओं पर दरियादिली।

बिहार बंद के दौरान शिक्षिका के साथ भाजपा ने किया दुर्व्यवहार ,शिक्षा विभाग ने शिक्षिका पर ही लटका दी तलवार।

जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।

जहानाबाद – जिले में बीते 4 सितंबर को भाजपा द्वारा बिहार बंद के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं के द्वारा सड़कों पर जो नजारा पेश किया गया,और आम लोगों से अभद्रतापूर्ण व्यवहार किया गया, जो काफी शर्मनाक एवं लोकतंत्र में विश्वास नहीं रखने जैसा प्रतीत होता है।
इसी कड़ी में जिले के अरवल मोड़ के पास विद्यालय जा रही एक महिला शिक्षिका के साथ जो अभद्रतापूर्ण व्यवहार, धक्का-मुक्की,गले में लगा दुपट्टा को पकड़ खिचना बहुत ही शर्मानाक घटना की पूर्णावृति की शुरुआत हुई। जबकि माननीय प्रधानमंत्री जी के मा॑ के उपर अभद्र टिप्पणी पर ही बिहार बंद का आयोजन किया गया था।
पर यहां सवाल उठता है कि एक मां के उपर अभद्र भाषा का उच्चारण पर बिहार बंद में ही,एक शिक्षिका जो वो भी किसी की मां होगी,एक महिला के साथ अभद्रता करना कहां तक उचित है? क्या शिक्षिका महिला नहीं थी, जिसके साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया गया।
अब यहां एक और नया मामला सामने आया है, जहां शिक्षा विभाग ने भी महिला शिक्षिका के खिलाफ नोटिस जारी कर,भाजपा को खुश करने की कोशिश कर, लोकतंत्र का मज़ाक़ बना दिया।
आखिर उस महिला शिक्षिका को क्या दोष,वह तो सही समय पर अपने कर्तव्य के प्रति विद्यालय जा रही थी। फिर भी जिला शिक्षा पदाधिकारी महिला शिक्षिका पर ही आरोप गठित कर स्पष्टीकरण की मांग कर शिक्षा विभाग की कलई खोल दी।
मामला चाहे जो कुछ भी हो लेकिन जिस तरह से शिक्षा विभाग अपने कर्तव्यों से हटकर शिक्षिका पर आरोप गठित किया है,वो कही से उचित प्रतीत नहीं होता।