
आज रविवार 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण लग रहा है। रात 9.58 बजे चंद्र ग्रहण शुरू होगा। चंद्र ग्रहण को धार्मिक तौर पर अशुभ माना जाता है।
आज भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा की रात्रि में आसमान में चंद्र ग्रहण का अद्भुत खगोलीय नजारा दिखाई देगा। रात 9 बजकर 58 मिनट से खग्रास चंद्रग्रहण लगेगा, जो 1 बजकर 26 मिनट पर मोक्ष पाएगा। चंद्र ग्रहण के प्रभाव को देखते हुए सभी छोटे-बड़े शहरों में प्रमुख मंदिरों के कपाट रविवार दिन में ही बंद कर दिए जाएंगे और सोमवार सुबह शुद्धीकरण के बाद खोल दिए जाएंगे।
चंद्र ग्रहण आसमान की गोद में डूबेगा चांद ,भक्ति से खिलेगा घर-आंगन
पंडित वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि ग्रहण का सूतक काल नौ घंटे पूर्व से ही प्रभावी हो जाएगा। यानी रविवार दोपहर से ही भोजन, प्रतिमा पूजन और धार्मिक अनुष्ठान वर्जित हो जाएंगे। सूतक काल में केवल बालक, बीमार और वृद्ध को छूट है।
ग्रहण प्रारंभ (स्पर्श) – रात 9:58 बजे
ग्रहण मोक्ष (समाप्ति) – रात 1:26 बजे
सूतक प्रारंभ – दोपहर 12:58 बजे
नक्षत्र स्थिति – शतभिषा व पूर्वाभाद्रपद संधिकाल
चंद्रमा की स्थिति – कुंभ राशि
अशुभ प्रभाव – वृष, कन्या, मकर राशि
शुभ कार्य – स्नान, मंत्र जप, हवन, दान
लोक परंपरा – भोजन में तुलसी दल/दूर्वा रखना, ग्रहण पश्चात स्नान और तुलसी दल सेवन, गंगाजल से शुद्धिकरण

चंद्र ग्रहण : साधना का महत्व
पंडित श्री शास्त्री ने कहा कि ग्रहण काल स्नान, अभिष्ट मंत्र जप, हवन और दान के लिए अत्यंत शुभ होता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दौरान किया गया जप-तप हजार गुना फल देता है। गर्भवती स्त्रियों को विशेष सावधानी रखने और घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है, ताकि कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
लोकमान्यताएं और परंपराए
ग्रहण काल को लेकर कई लोक परंपराएं प्रचलित हैं। मान्यता है कि ग्रहण शुरू होने से पूर्व तुलसी दल या दूर्वा को भोजन में रख देने से भोजन पर ग्रहण का दूषित प्रभाव नहीं पड़ता। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान कर तुलसी दल का सेवन शुभ और पवित्र माना जाता है। ग्रहण के बाद लोग घर-घर गंगाजल का छिड़काव कर वातावरण को शुद्ध करते हैं। महिलाएं पूजा स्थलों की सफाई कर दीप प्रज्वलित करती हैं। कई परिवारों में ग्रहण