कांटी अंचलाधिकारी रिशिका निलंबित जमीन संबंधी कार्यों में लापरवाही एवं आदेश की अवहेलना पर हुई कार्रवाई

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राज्य ब्यूरो उमेश सहनी

मुजफ्फरपुर, 3 सितंबर 2025।
जिले में भूमि एवं राजस्व कार्यों की पारदर्शिता तथा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए जिला पदाधिकारी द्वारा लगातार प्रभावी कदम उठाये जा रहे हैं। इसी क्रम में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने कांटी की अंचलाधिकारी सुश्री रिशिका को गंभीर अनियमितताओं, वरीय अधिकारियों के आदेश की अवहेलना करने तथा राजस्व कार्यों में उदासीनता के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि इनके द्वारा राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र, कांटी की 44 डिसमिल जमीन को निजी व्यक्ति के नाम दाखिल–खारिज कर दिया गया। यह कार्य राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के नियमों का घोर उल्लंघन है। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन दाखिल–खारिज परिमार्जन, ऑनलाइन भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र, अभियान बसेरा टू’ तथा आधार सीडिंग जैसे राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं में कांटी अंचल का प्रदर्शन असंतोषजनक और चिंताजनक पाया गया ।

साथ ही, इन्होंने वरीय अधिकारियों द्वारा दिए गए स्पष्ट निर्देशों की लगातार अनदेखी की तथा जनता से जुड़े जमीन संबंधी मामलों में गंभीरता एवं अभिरुचि नहीं दिखाई गई। इन सभी आरोपों को अत्यंत गंभीर मानते हुए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने बिहार सरकारी सेवक वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियमावली 2005 के अंतर्गत कार्रवाई करते हुए अंचलाधिकारी सुश्री रिशिका को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय तिरहुत प्रमंडल, आयुक्त कार्यालय मुजफ्फरपुर निर्धारित किया गया है।

जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सरकारी कार्यों में लापरवाही, अनियमितता एवं आदेश की अवहेलना बर्दाश्त नहीं की जायेगी। अधिकारियों एवं कर्मियों को चेतावनी दी है कि वे पूरी जवाबदेही, ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ जनता की सेवा करें। विशेषकर भूमि एवं राजस्व से जुड़े मामलों में आमजन के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए त्वरित , समयबद्ध और नियमानुसार निष्पादन सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि जिले के सभी अंचलों में जनता के जमीन से संबंधित लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन हेतु जिला स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा बैठकें की जा रही हैं। इसमें अपर समाहर्ता (राजस्व), डीसीएलआर, एसडीओ, अंचलाधिकारी, राजस्व अधिकारी एवं राजस्व कर्मियों को सक्रिय एवं तत्पर कर मिशन मोड में कार्य को गति दी गई है। इसके परिणामस्वरूप लंबित मामलों के निस्तारण की गति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

अंचलवार तय होगी जिम्मेदारी , दोषी होंगे दंडित
——————- जमीन से जुड़े कार्यों में सुस्ती या लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों/ कर्मियों की पहचान की जायेगी और दोषी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। यद्यपि अब तक कई राजस्व कर्मियों को चिन्हित करते हुए निलंबन की कार्रवाई भी की गई है। जनता के कार्यों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों और कर्मियों को किसी भी स्थिति में बख्शा नहीं जाएगा।

पारदर्शिता और जनहित सर्वोपरि

जिलाधिकारी ने भूमि संबंधी कार्यों को पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए आधुनिक तकनीक जैसे ऑनलाइन दाखिल–खारिज पोर्टल, भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र, आधार लिंकिंग आदि कार्यों को प्राथमिकता के साथ लागू किया जा रहा है। इन योजनाओं का उद्देश्य है कि जनता को उनके अधिकार से जुड़े सभी दस्तावेज और सेवाएं समय पर उपलब्ध हों तथा अनियमितता की कोई गुंजाइश न रहे।

जिलाधिकारी ने कहा कि राजस्व कर्मियों एवं अधिकारियों का दायित्व है कि वे सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्यों एवं अभियानों को गंभीरता से लेकर त्वरित और गुणवत्तापूर्ण कार्य करें। इसमें लापरवाही पाए जाने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

जनता को मिलेगी सीधी राहत

जिलाधिकारी का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी आम नागरिक को अपनी जमीन से संबंधित कार्यों के लिए अनावश्यक परेशानियों का सामना न करना पड़े। इसके लिए शिकायतों के त्वरित निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने पुनः सभी पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे सरकारी कार्य में संवेदनशीलता और पारदर्शिता से कार्य करें। जनता की समस्याओं को गंभीरता से सुनें और निर्धारित समयसीमा में निष्पादन करें।