
नई दिल्ली।
राजधानी के तालकटोरा स्टेडियम में गुरुवार से 18वां भारत आम महोत्सव–2025 हर्षोल्लास के साथ शुरू हुआ। यह भव्य आयोजन कानपुर के सांसद श्री रमेश अवस्थी की अगुवाई में किया गया, जो देशभर में आम की खेती, प्रसंस्करण और विपणन को बढ़ावा देने के लिए विगत वर्षों से इस महोत्सव का सफल संचालन कर रहे हैं।
उद्घाटन समारोह में राजनीति, कृषि, फलोत्पादन और सामाजिक क्षेत्र की प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत उपराज्यपाल श्री वी.के. सक्सेना, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, श्री रामदास अठावले, श्री हर्ष मल्होत्रा, सांसद साक्षी महाराज तथा वर्ल्ड पीस हार्मनी के चेयरमैन सह सैफी मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीईओ जनाब हाजी शकील सैफी ने की।

आमों की दुनिया: 350 से अधिक किस्में बनीं आकर्षण का केंद्र
इस बार महोत्सव में देशभर से लाई गई 350 से अधिक आम की किस्मों का प्रदर्शन किया गया। जिनमें मल्लिका, नूरजहां, मोदी, योगी, नगीना, बेनजीर, मौलवी, नवाबी, टॉमी एंड किंग जैसे नामों वाले आम विशेष आकर्षण का केंद्र रहे।
मल्लिका अपनी गहरे केसरिया रंग और मिठास के लिए, जबकि नूरजहां अपने विशाल आकार और शाही लुक के लिए दर्शकों की पसंद बनी। वहीं, नेताओं के नाम पर रखे गए आमों ने महोत्सव को राजनीतिक रंग भी दिया।
पीएम मोदी और सीएम योगी ने भेजे शुभकामना संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महोत्सव को कृषि नवाचार और किसानों की समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। अपने संदेश में उन्होंने लिखा कि, “भारत आमों की विविधता, स्वाद और गुणवत्ता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इस प्रकार के आयोजन किसानों को नई दिशा और प्रेरणा प्रदान करेंगे।”
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आयोजन को “आहार संस्कृति और कृषक समर्पण” का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश आम उत्पादन में अग्रणी राज्य है, और इस तरह के महोत्सव फलोत्पादन को नई ऊंचाई देंगे।

कृषि, संस्कृति और स्वाद का अनोखा संगम
महोत्सव के दौरान:
किसान सम्मान समारोह
सांस्कृतिक कार्यक्रम
मिलेट्स डिनर
आमों के औषधीय गुणों और प्रसंस्करण तकनीकों पर परिचर्चाएं भी आयोजित की गईं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपने संबोधन में कहा, “मैं खुद किसान हूं और रत्नागिरी के अल्फांसो आम की तरह, भारत के आम पूरी दुनिया में मशहूर हैं।”
संक्षेप में: एक आयोजन, अनेक उद्देश्य
सांसद रमेश अवस्थी की पहल पर आयोजित यह महोत्सव न सिर्फ आमों की विविधता का उत्सव है, बल्कि यह कृषकों, उपभोक्ताओं और नीति निर्माताओं के बीच सकारात्मक संवाद का मंच भी है।
यह महोत्सव अब केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय अभियान का स्वरूप ले चुका है — ‘भारतीय आम को वैश्विक पहचान’ दिलाने की दिशा में।