सावन के तीसरे सोमवारी पर जलाभिषेक को लेकर पहुंच रहा कांवरियों का जत्था

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क्षेत्र के देवकुंड में सुरक्षा को लेकर प्रशासन चौकन्ना

अरवल श्रावणी महीने की तीसरी सोमवारी पर कांवरिया भाइयों के साथ-साथ जल अर्पित करने वाले लोगों की भीड़ जगह-जगह पर पहुंचने को आहुत हैं! श्रावण जैसे पवित्र महीना में भगवान शंकर जिन्हें अवघङदानी भी कहा जाता है जिनकी आराधना से व्यक्ति सब कुछ पाता है !जहां महिलाएं भगवान शंकर की पूजा आराधना में अपने सुहाग एवं पुत्र की कामना करती है वहीं पुरुष वर्ग अपने परिवार के कुशल रहने की कामना भगवान शंकर के समक्ष करता है !कांवरिया संघ के द्वारा क्षेत्र के करपी अतौलह शहर तेलपा इत्यादि जगहों पर कावरियों के लिए विशेष तैयारी की गयी है ! पटना गायघाट से गंगाजल लेकर देवकुंड पहुंचने वाले लगभग 104 किलोमीटर की लंबी यात्रा तय करके सोमवारी पर जलाभिषेक को लेकर आज शाम से ही जहां तहां बने विश्राम गृह में ठहरते दिख रहे है! उन कावरियों के लिए रात्रि विश्राम सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं भोजन वगैरह की व्यवस्था क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ता जनप्रतिनिधि एवं कांवरिया संघ के द्वारा किया गया है ! स्थानीय पुरुष एवं महिलाओं के द्वारा सहस्त्र धाराओं से युक्त तालाब का जल बेलपत्र अक्षत धतूरा पुष्प भांग सहित कई सामग्री को साथ लेकर भगवान शंकर के ऊपर जल अर्पण के उपरांत पूजा आराधना की जाती हैं! निकटवर्ती जिला गया रोहतास भोजपुर अरवल पटना का दक्षिणी क्षेत्र एवं जहानाबाद जिले से काफी श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन के लिए देवकुंड धाम पहुंचते हैं! देवकुंड धाम प्राचीन नगरी है अभी तक इस स्थान को पर्यटक स्थल का दर्जा न दिया जाना सरकार की लापरवाही का एक जीता जागता उदाहरण मिलता है ,क्योंकि यह हजारों वर्ष पूर्व महर्षि चवन मुनि की तपोस्थली है !बाणभट्ट जैसे महान कवि की कर्मस्थली रही हैं! सोनभद्र नदी का इतिहास ऐसा है कि छठी शताब्दी में देवकुंड के रास्ते ही वह फतुहा के नजदीक जाकर गंगा से मिलती थी!यह तमाम उदाहरण इस बात का साक्षी है कि देवकुंड धाम बहुत प्राचीन नगरी रही है! इसलिए यात्रियों की सुख सुविधा के लिए तत्काल इससे स्थान को विकसित करने की आवश्यकता है जिससे क्षेत्रीय लोगों के साथ-साथ सरकार को भी इसका लाभ मिल सके!देवकुंड मठाधीश कन्हैयानंद पुरी ने बताया कि यह प्राचीन स्थल होते हुए भी आज तक इसे पर्यटन स्थल का दर्जा न दिया जाना इस क्षेत्र के लोगों के साथ सरकारी स्तर से काफी दुर्भाग्यपूर्ण हैं!तीसरी सोमवार पर लगने वाले शिवभक्तों की भीड़ को देखते हुए शहरतेलपा व देवकुंड प्रशासन की भी तत्परता दिख रही है !