उप्र/सहारनपुर बैंक कर्मचारियों ने निजीकरण के विरोध में जोरदार प्रदर्शन करते हुए नई पेंशन योजना को कर्मचारियों के हितों के खिलाफ बताया।

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ब्यूरो रिपोर्ट सहारनपुर।



सहारनपुर।
केन्द्र सरकार की बैंकिंग और बीमा क्षेत्र को लेकर बनाई जा रही नीतियों के विरोध में बुधवार को ऑल इंडिया बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के आह्वान पर सहारनपुर में बैंक कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कर्मचारियों ने सार्वजनिक बैंकों में सौ प्रतिशत विदेशी निवेश की अनुमति देने, निजीकरण को बढ़ावा देने और नई पेंशन योजना लागू करने जैसी नीतियों को कर्मचारी और आम जनता दोनों के लिए घातक बताया। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे एआईबीईए के ज़िला मंत्री राजीव जैन ने कहा कि सरकार बैंकों को धीरे-धीरे निजी हाथों में सौंप रही है जिससे न केवल बैंक कर्मचारियों का भविष्य असुरक्षित हो रहा है बल्कि आम नागरिकों की आर्थिक सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही है। उन्होंने मांग की कि सरकार विदेशी निवेश की योजना को तुरंत वापस ले और सार्वजनिक बैंकों की स्वायत्तता तथा सामाजिक भूमिका को बनाए रखे। कार्यक्रम में मौजूद एआईबीईए के कार्यकारी सदस्य राहुल कक्कड़ ने कहा कि गांव, गरीब और वंचित तबकों को अगर वित्तीय सुरक्षा देनी है तो सार्वजनिक बैंकों को मज़बूत करना होगा, निजीकरण से इन वर्गों को नुकसान होगा। ज़िला उपाध्यक्ष अशोक गर्ग और वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार ने भी अपने संबोधन में कहा कि नई पेंशन योजना कर्मचारियों के हितों के खिलाफ है और इसे समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया जाना चाहिए। साथ ही उन्होंने संविदा और अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगाने, जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर लगाए गए वस्तु एवं सेवा कर को समाप्त करने और बैंकिंग सेवाओं को आम जनता के लिए सुलभ व निशुल्क बनाने की मांग दोहराई। प्रदर्शन में राकेश राठौर, अश्विनी अग्रवाल, रविंद्र चंदन, नरेंद्र कुमार, रोहित शर्मा, कविता, संगीता, सोनिया, गौरव सिंह समेत बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारी शामिल हुए और सरकार से जनविरोधी नीतियों को वापस लेने की अपील की।