पुलिस अधीक्षक ने निर्माणधीन भवन के सम्बन्ध में दी जानकारी।

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किसी भी सरकारी भवन निर्माण में नोडल अधिकारी होते हैं डी एस पी हेड क्वार्टर -एस पी

जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।

जहानाबाद -पुलिस अधीक्षक ने एक प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी भवन के निर्माण पूरा होने पर संवेदक को लिखित में सूचना देनी होती है जिसको विभागीय एजेंसी के JE/EE तस्दीक करके फिर संबंधित नियंत्री अधिकारी को अनुरोध पत्र hand over/take over के लिए देते हैं।

जिला पुलिस मे डीएसपी HQ इसके नोडल अधिकारी हैं जो अनुरोध पत्र मिलने पर भवन के भावी नियंत्री अधिकारी और JE के साथ स्थल मुआयना करके रिपोर्ट देते हैं।

उक्त प्रक्रिया के द्वारा ही नियत गुणवत्ता/ मैप के अनुकूल निर्माण से संतुष्ट होने के बाद hand ओवर के लिए आदेशित किया जाता है।

जिले में निर्माणाधीन पुलिस थाना में सिविल वर्क की स्तिथि उक्त प्रक्रिया से गुजरने वाली है। मेरे द्वारा योगदान के अगले दिन ही संचिका के साथ इसकी समीक्षा कर माह जुलाई के अंत तक सारी प्रक्रिया पूरी कर लेने के निर्देश दिए गए हैं।

यह आज एक दैनिक अखबार में SC ST/महिला थाना के संदर्भ में प्रकाशित था जिसमें SC ST थाना प्रभारी के हवाले से बताया गया है कि ‘ पुलिस मुख्यालय से फर्नीचर के लिए लंबित है’

संबंधित थाना प्रभारी उक्त प्रक्रिया से स्वयं अवगत नहीं है, मेरे द्वारा उनको जिम्मेदारी के साथ सारे पहलू को समझने के बाद ही बयान देने के लिए निर्देशित किया गया है। उनके द्वारा अभी तक इस प्रक्रिया के तहत किसी भवन को ग्रहण भी नहीं किया गया है, ऐसा में यह उनके लिए भी नई स्थिति मानी जानी चाहिए।

वस्तुतः इसके संबंध में केवल DSP HQ या SP ही बता पाने में सक्षम होते हैं क्योंकि संचिका सामान्य शाखा में संधारित होती है। थाना प्रभारी की भूमिका निर्माण प्रक्रिया पर निगरानी और take over के समय संयुक्त स्थल मुआयना से संबंधित है।

जहां तक फर्नीचर का प्रश्न है, वर्तमान स्थल पर वही थाना पहले से ही फर्नीचर के साथ सुचारू रूप से चल रहा है। आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त संसाधन लाइन से सभी थाना को दिया जाता है।

नए थाना भवन के लिए सेंट्रल प्रोक्योरमेंट से पुलिस मुख्यालय स्तर से प्राप्त सामग्री मिलने के बाद भवन को सौंप दी जाती है।
लेकिन यह कोई कारण कभी नहीं हो पाया कि इसकी वजह से थाना नए भवन में शिफ्ट नहीं हो सके।

जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।

जहानाबाद -पुलिस अधीक्षक ने एक प्रेस रिलीज जारी कर जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी भवन के निर्माण पूरा होने पर संवेदक को लिखित में सूचना देनी होती है जिसको विभागीय एजेंसी के JE/EE तस्दीक करके फिर संबंधित नियंत्री अधिकारी को अनुरोध पत्र hand over/take over के लिए देते हैं।

जिला पुलिस मे डीएसपी HQ इसके नोडल अधिकारी हैं जो अनुरोध पत्र मिलने पर भवन के भावी नियंत्री अधिकारी और JE के साथ स्थल मुआयना करके रिपोर्ट देते हैं।

उक्त प्रक्रिया के द्वारा ही नियत गुणवत्ता/ मैप के अनुकूल निर्माण से संतुष्ट होने के बाद hand ओवर के लिए आदेशित किया जाता है।

जिले में निर्माणाधीन पुलिस थाना में सिविल वर्क की स्तिथि उक्त प्रक्रिया से गुजरने वाली है। मेरे द्वारा योगदान के अगले दिन ही संचिका के साथ इसकी समीक्षा कर माह जुलाई के अंत तक सारी प्रक्रिया पूरी कर लेने के निर्देश दिए गए हैं।

यह आज एक दैनिक अखबार में SC ST/महिला थाना के संदर्भ में प्रकाशित था जिसमें SC ST थाना प्रभारी के हवाले से बताया गया है कि ‘ पुलिस मुख्यालय से फर्नीचर के लिए लंबित है’

संबंधित थाना प्रभारी उक्त प्रक्रिया से स्वयं अवगत नहीं है, मेरे द्वारा उनको जिम्मेदारी के साथ सारे पहलू को समझने के बाद ही बयान देने के लिए निर्देशित किया गया है। उनके द्वारा अभी तक इस प्रक्रिया के तहत किसी भवन को ग्रहण भी नहीं किया गया है, ऐसा में यह उनके लिए भी नई स्थिति मानी जानी चाहिए।

वस्तुतः इसके संबंध में केवल DSP HQ या SP ही बता पाने में सक्षम होते हैं क्योंकि संचिका सामान्य शाखा में संधारित होती है। थाना प्रभारी की भूमिका निर्माण प्रक्रिया पर निगरानी और take over के समय संयुक्त स्थल मुआयना से संबंधित है।

जहां तक फर्नीचर का प्रश्न है, वर्तमान स्थल पर वही थाना पहले से ही फर्नीचर के साथ सुचारू रूप से चल रहा है। आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त संसाधन लाइन से सभी थाना को दिया जाता है।

नए थाना भवन के लिए सेंट्रल प्रोक्योरमेंट से पुलिस मुख्यालय स्तर से प्राप्त सामग्री मिलने के बाद भवन को सौंप दी जाती है।
लेकिन यह कोई कारण कभी नहीं हो पाया कि इसकी वजह से थाना नए भवन में शिफ्ट नहीं हो सके।