
धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक चेतना को समर्पित मासिक पत्रिका ‘दिव्य रश्मि’ के 12वें स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें शिक्षा, समाजसेवा और संस्कृति के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी, राष्ट्रनायक वीर विनायक दामोदर सावरकर की 142वीं जयंती भी श्रद्धापूर्वक मनाई गई।
इस गरिमामयी अवसर पर सरस्वती विद्या मंदिर,शास्त्री नगर , पटना के पूर्व प्राचार्य एवं वर्तमान में विद्या भारती, दक्षिण बिहार में कार्यरत राकेश कुमार मिश्र को शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिव्य रश्मि शिक्षा सम्मान से सम्मानित किया गया। श्री मिश्र ने शिक्षा के क्षेत्र में अपने तीन दशकों से अधिक के अनुभव के माध्यम से न केवल छात्रों को संस्कारयुक्त ज्ञान प्रदान किया है, बल्कि ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा की अलख जगाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

कार्यक्रम में विभिन्न शिक्षाविदों, समाजसेवियों, विद्यार्थियों एवं पत्रकारों की उपस्थिति रही। मंच से वक्ताओं ने राकेश कुमार मिश्र के समर्पण, अनुशासन और नेतृत्व क्षमता की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि मिश्र जी ने जिस प्रकार छात्रों के व्यक्तित्व विकास, नैतिक शिक्षा और सांस्कृतिक जागरण पर ध्यान दिया है, वह आज के समय में अनुकरणीय है।
दिव्य रश्मि पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ. राकेश दत्त मिश्र ने अपने संबोधन में कहा, “राकेश कुमार मिश्र जैसे शिक्षकों का समाज में होना भारत की नई पीढ़ी के लिए सौभाग्य है। हम ऐसे समर्पित गुरुओं को सम्मानित कर गौरवान्वित अनुभव करते हैं।”
इस अवसर पर वीर सावरकर जी की जयंती को भी प्रेरणा दिवस के रूप में मनाया गया। वक्ताओं ने सावरकर जी के क्रांतिकारी विचारों, राष्ट्रवाद एवं आत्मबलिदान के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। छात्रों द्वारा वीर सावरकर पर भाषण, गीत और नाट्य प्रस्तुति ने समस्त वातावरण को देशभक्ति से ओतप्रोत कर दिया।
इस आयोजन का उद्देश्य न केवल दिव्य रश्मि की 12 वर्षों की सामाजिक और सांस्कृतिक यात्रा को जनसामान्य तक पहुँचाना था, बल्कि शिक्षा, संस्कृति और राष्ट्रभक्ति के संवाहकों को समाज के सामने आदर्श रूप में प्रस्तुत करना भी था।
राकेश कुमार मिश्र जैसे शिक्षकों का सम्मान समाज में शिक्षा के महत्व को रेखांकित करता है। ऐसे आयोजनों से प्रेरणा पाकर युवा पीढ़ी भी राष्ट्रनिर्माण की दिशा में आगे बढ़ने का संकल्प लेती है। दिव्य रश्मि का यह स्थापना दिवस समारोह सामाजिक चेतना और राष्ट्रभक्ति की नई रोशनी लेकर आया है।