चंपारण की खबर::एम एमडीपी किट के उपयोग से मिलता है फाइलेरिया मरीजों को राहत : दिनेश

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पश्चिम चंपारण/ राजन द्विवेदी।

फाइलेरिया (हाथी पाँव) की बीमारी एक बार होने के बाद जीवन में कभी ठीक नहीं होती है। लेकिन दवा सेवन और व्यायाम के माध्यम से इसे गंभीर होने से रोका जा सकता है। साथ ही समाज के लोगों क़ो भी सुरक्षित किया जा सकता है। ये कहना है बेतिया के वार्ड नंबर 06, शास्त्री नगर मुहल्ला निवासी 64 वर्षीय वोलेंटियर दिनेश चंद्र वर्मा का। दिनेश वर्मा पेशे से एलआईसी के वर्कर थे। उन्होंने बताया की बचपन से ही उन्हें दाहिने पैर में हाथी पांव था। परन्तु इसके बारे में जानकारी नहीं होने की वजह से इसे नियंत्रित नहीं कर सका और बीतते समय के साथ यह गंभीर हो गया। बाद में कई जगह ईलाज कराने पर भी यह ठीक नहीं हुआ। सरकारी अस्पताल आकर डॉ से मिल दवा और एमएमडीपी किट लिए, व्यायाम किए जिससे मुझे 90 प्रतिशत तक आराम मिला। अभी भी कभी कभी दिक्क़ते आती हैं ।परन्तु व्यायाम और क्रीम के उपयोग से बहुत आराम मिलता है। दिनेश वर्मा ने बताया की मैं नहीं चाहता ऐसा दिव्यांगता लाने वाला रोग, किसी के घर परिवार में हो इसलिए लोगों क़ो भी बचने के लिए जागरूक करता हुँ। ज़ब भी आशा और आँगनबाड़ी के लोग घर घर दवा खिलाने आते है तो अपने घर के लोगों के आलावा भी मोहल्ले के लोगों क़ो सर्वजन दवा सेवन करने के साथ ही घर के आसपास साफ सफाई रखने एवं मच्छड़ काटने से बचने की बातें बताता हुँ। वहीं ज़ब भी फाइलेरिया अस्पताल में डॉ व अधिकारी बुलाते है तो आता हुँ, आसपास के हाथी पाँव के मरीजों क़ो किट, मलहम, दवाए दिलवाता हुँ, मरीजों क़ो स्वास्थ्य कर्मियों के साथ मिलकर इसके उपयोग के तौर तरीके भी सिखाते हैं इससे लोगों का भी भला होता है। सबसे खास बात यह है की अब सरकार एक चप्पल भी दे रहीं है जिससे हाथीघ पाँव के मरीजों क़ो चलने में काफ़ी आराम मिलता है। पिरामल के प्रखंड प्रतिनिधि श्यामसुन्दर कुमार ने बताया की प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेतिया में कैंप लगाकर भीडीसीओ, वीबीडीएस,बीसीएम पीरामल फाउंडेशन के प्रतिनिधियों के सहयोग से फाइलेरिया रोगियों को एमएमडीपी किट डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है ताकि फाइलेरिया/ हाथी पांव मरीजों को रुग्णता प्रबंधन में मदद मिल सके। फाइलेरिया रोगियों व्यायाम,दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाने के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी जाती है।
फाइलेरिया के मच्छर गंदगी में पैदा होते है –
इस रोग से बचने के लिए घर के आस-पास सफाई रखना जरूरी है। दूषित पानी में केरोसीन तेल छिड़क कर मच्छरों को पनपने से रोकें। उनके अनुसार सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करें।