
– 32 वर्ष बाद आई निर्णय ,वाद विचारण के दौरान पांच अभियुक्तों की हो गई मृत्यु
मोतिहारी / दिनेश कुमार।
जिले के पंचम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार तिवारी ने मोव लांचिंग में धारदार हथियार से काटकर व गोली मारकर की गई हत्या मामले में नामजद उन्नीस अभियुक्तों को दोषी पाते हुए आजीवन कारावास व प्रत्येक को पचपन हजार रूपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थ दंड नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा मधुबन थाना के भगवानपुर निवासी बतहुआ भगत , अशर्फी भगत, विंदेश्वरी भगत, राजेंद्र भगत, शंकर भगत, सीताराम भगत, सोगारथ भगत, राजेंद्र भगत, रामचंद्र भगत, विनोद भगत, जनक भगत, भोला भगत, जीत नारायण भगत ,बाबूलाल भगत, प्रेमचंद्र भगत, हरि भगत, मधुबन थाना के ही घेघवा निवासी हृदया नारायण भगत, उपेंद्र भगत व मधुबन थाना के ही कोठिया निवासी रामप्रीत भगत को हुई । मामले में घेघवा निवासी रामएकबाल राय ने मधुबन थाना कांड संख्या 70/1993दर्ज कराते हुए दो दर्जन लोगों को नामजद व दर्जनों अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराया था। जिसमें पुलिस के समक्ष फर्द बयान में कहा था कि 1 अगस्त 1993 की संध्या करीब छह बजे खेत से काम करके घेघवा चौक पर पहुंचा तो सुनने में आया कि स्थानीय निवासी गुलठुल दास किसी लड़का को अपने मठ में रखे हुए है। जिसको लेकर कुशवाहा समुदाय के लोग हरवे हथियार से लैस होकर एकत्रित हुए हैं। वे घर के तरफ चले तो देखा कि गुलठुल दास उर्फ गुलठुल राय को एकत्रित लोग गली दे रहे हैं। संध्या करीब 6.45 बजे सभी लोक ललकारा लगाकर के मठ को घेर लिए। गुलठुल राय जान बचाकर घेघवा चौक के तरफ भगा जहां लोगों ने उसे घेरकर तेज हथियार से काटकर व गोलीमार कर हत्या कर दी। बाद में पता चला कि स्थानीय निवासी हुकुम महतो के पोता को गुलठुल राय पकड़ कर मठ में रखा था। जिसके आक्रोश में लोगों ने उसकी हत्या कर दी। 23 मई 2001 को अभियुक्तों पर न्यायालय ने आरोप गठन की।सत्रवाद संख्या 498/2000 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक सुभाष प्रसाद यादव ने ग्यारह गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर साक्ष्य कराया। विचारण के दौरान नामजद पांच अभियुक्तों की मृत्यु हो गई।न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद नामजद अभियुक्तों को धारा 302,147,148,201/149 भादवि एवं 27 आर्म्स एक्ट में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाए।