
रिपोर्ट वैभव गुप्ता।
कस्बे में स्थित त्यागी भवन में जैन समाज की ओर से विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें बताया गया कि जैन समाज के सर्वोच्च जैनाचार्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का जन्म आज से 79 वर्ष पूर्व कर्नाटक राज्य के सदलगा ग्राम में शरद पूर्णिमा के दिन बालक विद्याधर के रुप में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में ऐसी साधना की जो वर्तमान समय में कर पाना असम्भव है। उन्होंने देश व समाज के कल्याण के लिए हथकरघा, पूर्ण आयु, प्रतिभा स्थली, पूरी मैत्री, गोशाला आदि अनेकों योजनाएं चलाई जो आज भी अनेकों लोगों की आजीविका का साधन बनी हुई है। प्रातः मंदिर में श्री जी का अभिषेक कर पूजन प्रक्षाल और शांतिधारा की गई। इसके बाद आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज की पूजा की गई। शाम को जैन त्यागी आचार्य श्री जी की आरती कर महामंत्र का पाठ किया गया। आचार्य श्री जन जन के ह्रदय में सदा विराजमान रहेंगे। जैन समाज ही नहीं अन्य समाज भी आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को भगवान् मानती है। उनका संयम रूपी जीवन समाज के लिए एक आदर्श रुप में सदा के स्थापित हो गया। कार्यक्रम का आयोजन आचार्य श्री धर्मभूषण जी युवा टीम द्वारा किया गया।इस दौरान जैन समाज के प्रधान मनोज जैन, महामंत्री निपुण जैन, शशांक जैन, अतुल जैन, अमित जैन,आर्जव जैन, विपुल जैन, अंशुल जैन, सुधीर जैन, विजय जैन, भूपेंद्र जैन, प्रदीप जैन, अभिषेक जैन, सहित समाज के सैकड़ों महिला पुरुष मौजूद रहे।
