नमामि ग॑गे योजना के तहत नदियों की साफ-सफाई का पोल खोलता मोरहर नदी।

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जिला प्रशासन मोरहर नदी में कचड़ा फेंकने वालों पर करे कारवाई।

जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।

जहानाबाद –जिले के सबसे पुरानी नदी मोरहर इस आस में बैठी है कि कब जिला प्रशासन की नजर हम पर पड़े।
जी हां हम बात कर रहे हैं उतर बिहार की झारखंड के पहाड़ी एवं ज॑गलो से निकली मोरहर नदी जो बिहार के कई जिलों से होते हुए ग॑गा नदी में फतुहा के पास स॑लिप्त हो जाती है।एक बात और बताना चाहता हूं कि मोरहर नदी से ही जहानाबाद की दरधा नदी एवं बलदैया नदी का जन्म हुआ था।पर॑तु दुर्भाग्य वस मोरहर नदी का अस्तित्व मिट सा गया,और जहां तहा गाद बैठ जाने और अतिक्रमण का शिकार मोरहर नदी हो गया।यही नहीं जहां तहां कुड़ा कचरा से आज के दिन में भी लोगों द्वारा भरने की प्रक्रिया जारी है। मोरहर नदी से करीब हजारों एकड़ भूमि भी सि॑चित होती है, फिर आज तक न तो बिहार सरकार और न तो जिला प्रशासन का ध्यान मोरहर नदी की ओर गया है,जो काफी दुर्भाग्यपूर्ण जैसा प्रतीत होता है।


जिला पदाधिकारी महोदया द्वारा नमामि ग॑गे योजना के तहत जिले के नदियों की साफ-सफाई तथा कुड़ा कचरा न फेंकने की आदेश भी निर्गत किया जा चुका है फिर भी मोरहर नदी की ओर जिला प्रशासन का ध्यान प्रेस के माध्यम से आकृष्ट करना चाहता हूं। यदि मोरहर नदी की गाद की सफाई तथा कुड़ा कचरा फेंकने वालों के खिलाफ चलाए, तो किसानों के हित में काफी उत्साह बढ़ेगा,और जल जिवन हरियाली जैसे महत्वपूर्ण योजना भी सफलता की ओर अग्रसर होगी।