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– डीएम कार्यालय में धूल फांक रही लाइसेंस आवेदन की फाइल
मोतिहारी / राजन द्विवेदी।
चम्पारण की बेटी काव्या कुमारी जिसकी उम्र महज 16 साल है और एनसीसी से अपने कैरियर की शुरुआत करने वाली इस लड़की ने नेशनल गेम में ऐसा निशाना साधा कि आज वो नेशनल और इंटरनेशनल मैच खेलने के लिए तैयार है और उसे भारतीय टीम के चयन के लिए ट्रायल में भाग लेना है । लेकिन सबसे बड़ी समस्या ये है कि उसके पास अपना रायफल नहीं है और वो भाड़े के रायफल से अपना करियर बना रही है।
ऐसा नहीं है कि वो रायफल नही खरीद सकती है बल्कि उसके दादा व पिताजी अपना जमीन बेचकर उसे बंदूक देना चाहते है ताकि उनकी बेटी राष्ट्रीय व अंतररास्ट्रीय स्तर पर चम्पारण व बिहार का नाम बुलंद कर सके। लेकिन इसके लिए उसे एक बंदूक का लाइसेंस की जरूरत है, लेकिन उसे मिल नही रही है और उसका फ़ाइल डीएम कार्यालय में धूल फांक रहा है। बस जरूरत है कि उसे एक बंदूक का लाइसेंस मिल जाय ताकि वो देश दुनिया में चम्पारण व बिहार का नाम रोशन कर सके । चम्पारण की बेटी काव्या कुमारी , उम्र महज 16 साल ,पढ़ाई इंटर तक और पहचान राष्ट्रीय निशानेबाजी में है। जी हां कम उम्र में बड़े कारनामे करने वाली इस लड़की ने एनसीसी से अपने कैरियर की शुरुवात की और बिहार टीम में खेलकर व वहां से जीतकर प्री राष्ट्रीय चैम्पियंशिप जीतकर राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनने के लिए तैयार है। इस लड़की के सामने अपने व चम्पारण और बिहार का सपना पूरा करने के लिए बस एक रायफल की जरूरत है।