सहारनपुर/उप्र/रामपुर मनिहारान भारतीय संविधान की 75 वीं वर्षगाँठ के मौके पर गोचर महाविद्यालय में ” डॉ भीमराव अंबेडकर का सामाजिक न्याय ” विषय पर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।

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रिपोर्ट वैभव गुप्ता।

बुधवार को गोचर महाविद्यालय में दिनांक भारतीय संविधान की 75वी वर्षगांठ के अवसर पर कार्यक्रमों की श्रृंखला के अंतर्गत राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका विषय “डॉ भीम राव अम्बेडकर का सामाजिक न्याय” रहा। गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में डॉ पीयूष त्रिपाठी, असिस्टेंट प्रोफेसर डी एन कॉलेज गुलावटी बुलंदशहर का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ करते हुए डॉ राज किशोर ने भारतीय संविधान निर्माण में डॉ अम्बेडकर की भूमिका के बारे में उपस्थित लोगों को विस्तार से बताया। मुख्य वक्ता डॉ पीयूष त्रिपाठी ने डॉ अम्बेडकर के सामाजिक न्याय के विचार में उनके योगदान के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि डॉ अम्बेडकर के विचार भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में तब तक प्रासंगिक बने रहेंगे जब तक किसी भी प्रकार का सामाजिक भेदभाव समाज में विद्यमान रहेगा। उनका मानना था कि सामाजिक भेदभाव को मिटाने के लिए शिक्षा, जागरूकता एवं हर वर्ग की भागीदारी सबसे जरूरी माध्यम हैं।कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डॉ ओमकार सिंह ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर ने संविधान में समाज के प्रत्येक वर्ग के लोगों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें भी सम्मान दिलाने का काम किया है। कार्यक्रम का संचालन डॉ प्रभात कुमार सिंह ने किया। इस दौरान कार्यक्रम समन्वयक डॉ राज किशोर, डॉ आलोक कुमार, डॉ इंद्रेश पुरोहित, डॉ अशोक कुमार आदि उपस्थित रहे।