बिहार के लोगों की गरीबी और पिछड़ेपन को दूर करने का एकमात्र उपाय शिक्षा यानी “स्कूल का बस्ता” में : प्रशांत किशोर

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पटना / राजन द्विवेदी।

बिहार विधानसभा की चार सीटों पर 13 नवंबर को उप-चुनाव होने जा रहे हैं। महज एक महीने पहले बनी पार्टी जन सुराज आगामी उप-चुनाव में चारों सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर अपने प्रत्याशियों के प्रचार और जनसंवाद में पूरी तरह से जुटे हुए हैं। दिवाली हो या महापर्व छठ पूजा, प्रशांत किशोर ने लोगों के बीच रहकर उनके साथ त्योहार मनाए हैं।
प्रशांत किशोर ने जन सुराज पार्टी को मिले चुनाव चिह्न “स्कूल का बस्ता” के बारे में जनता और पत्रकारों को जानकारी देते हुए कहा कि जन सुराज पार्टी ने “स्कूल का बस्ता” चुनाव चिह्न चुनाव आयोग से मांग कर लिया है। पार्टी ने “स्कूल का बस्ता” चुनाव चिह्न क्यों चुना उसके पीछे का कारण बताते हुए कहा कि लालू- नीतीश के 35 साल के राज ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था को चौपट कर दिया है। इसका नतीजा यह हुआ कि हमारे बच्चों की पीठ से स्कूल का बस्ता हट गया और आज उनकी पीठ पर मजदूरी का बोझ है। इसलिए जन सुराज की सोच और संकल्प यही है कि बिहार के लोगों की गरीबी और पिछड़ेपन को दूर करने का एकमात्र उपाय शिक्षा यानी “स्कूल का बस्ता” है। “स्कूल का बस्ता” बिहार के युवाओं के लिए रोजगार का रास्ता है। अगर बिहार से पलायन रोकना है तो उसका रास्ता भी “स्कूल का बस्ता” ही है। जन सुराज का संकल्प बिहार में विश्वस्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराना और यहां के युवाओं को अपने ही राज्य बिहार में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। बिहार के लोगों का विकास बेहतर शिक्षा व्यवस्था से ही हो सकता है। क्योंकि जब तक सरस्वती जी नहीं आएंगी, लक्ष्मी जी वहां निवास नहीं कर सकतीं। इसीलिए जन सुराज ने अपना चुनाव चिन्ह “स्कूल का बस्ता” चुना है।
बिहार में विधानसभा उप-चुनाव को लेकर जन सुराज के सूत्रधार व स्टार प्रचारक प्रशांत किशोर लगातार जनता के साथ जन संवाद कर जन सुराज की विचारधारा को सबके समक्ष रखते हुए जन सुराज को समर्थन देने की अपील कर रहे हैं। इसी क्रम में एक जनसभा के दौरान प्रशांत किशोर जी ने जनता को जन सुराज पार्टी के तीन संकल्पों से सबको रूबरू करवाया। उन्होनें कहा कि अगले वर्ष जब जनता का राज बनेगा तो पहला संकल्प जन सुराज का यह है कि साल भर के अंदर जितने भी बिहार के बच्चे रोजी-रोजगार करने के लिए राज्य के बाहर गए हैं और जो बच्चे यहाँ बेरोजगार बैठे हैं, सभी के लिए कम से कम 10 से 12 हजार रुपए का रोजी-रोजगार का व्यवस्था बिहार में ही करके दिया जाएगा। जनता को संबोधित करते हुए उन्होनें कहा कि यह बात आप सभी गांठ बांध लें कि 2025 में, अगले वर्ष जब आपके बच्चे लौटेंगे तो रोजगार के लिए उन्हें बिहार छोड़कर वापस नहीं जाना पड़ेगा।
इसी के साथ गाँव में पदयात्रा करने के दौरान मैंने यह देखा कि जो भी बूढ़े-बुजुर्ग हैं, वो बहुत कष्ट में हैं, यह वो वर्ग है जो अब पढ़ नहीं सकते, नौकरी और मजदूरी भी नहीं कर सकते हैं। नीतीश कुमार उन बुजुर्ग वर्ग के लोगों को 400 रुपए की भीख दे रहे हैं। जन सुराज का दूसरा संकल्प यह है कि दिसम्बर 2025 से 60 वर्ष के ज्यादा उम्र के सभी महिला-पुरुष को कम से कम 2000 रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी। जन सुराज का तीसरा संकल्प यह है कि जब तक सरकारी स्कूलों की स्थिति नहीं सुधरती, तब तक सरकार निजी स्कूलों में 15 वर्ष से कम आयु के सभी गरीब विद्यार्थियों की शिक्षा का खर्च उठाएगी, ताकि गरीब से गरीब बच्चा भी अंग्रेजी स्कूल में पढ़ सके।