चंपारण की खबर:: ..और एक अदद पुष्प के लिए तरस गई गांधी जी की प्रतिमा

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प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी भी नहीं चढ़ा पाए एक अदद पुष्प


संग्रामपुर / उमेश कुमार ।


एक तरफ जहां पूरा देश 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के रूप में तरह तरह के आयोजन कर जयंती मना रहा हैं। वही प्रखंड के गांधी ग्राम जालाहां में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा एक पुष्प के लिए तरस गई। ग्रामीण कृष्णा भगत, शम्भू प्रसाद, रामेश्वर भगत, अमरदीप प्रसाद गुप्ता, शम्भू प्रसाद, बीरेंद्र प्रसाद, राजेश्वर प्रसाद समेत कई लोगों ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा स्थल की साफ सफाई करके रखा गया था कि प्रखंड स्तर के पदाधिकारी यहां आकर  गांधी प्रतिमा में एक अदद फूल जरूर समर्पित करेंगे जो नहीं हो  सका।हां स्थानीय मुखिया अर्चना देवी ने यहां आकर गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जरूर किया। क्या प्रखंड स्तर पर पदाधिकारियों को यह पता नहीं चल सका कि यहां भी किसानों के बुलावे पर गांधी 1917 में आए थे और सिकंदरपुर कोठी के अग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी तब जाकर आजादी मिली थी।गांधी की जयंती पर हुई गांधी की उपेक्षा से सभी ग्रामीण दुःखी दिखे। जबकि प्रखंड द्वारा गांधी के नाम पर ही प्रखंड स्तर पर स्वच्छता कार्यक्रम चला कर कई जगहों पर साफ सफाई हुई लेकिन यहां प्रखंड के एक कर्मचारी ने भी प्रखंड कार्यालय की ओर से एक अदद फूल चढ़ा कर गांधी को याद भी नहीं किया। जबकि इस गांव को गांधी ग्राम के नाम से जाना जाता है। गांधी जयंती पर हुई गांधी की उपेक्षा से ग्रामीण दुखी होकर बताते हैं कि जब सरकार द्वारा गांधी के नाम पर कई योजनाओं का संचालन केंद्र सरकार व राज्य सरकार चला कर गांव, पंचायत व प्रदेश को विकसित करने में जुटी हैं लेकिन उन्ही के जयंती पर सरकार के कर्मियों द्वारा ही उन्हें ही उपेक्षित करना अपने आप में एक सवाल हैं। जिसका जबाब शायद किसी भी पदाधिकारी और राज नेताओ के पास नहीं हैं।