सहारनपुर/उप्र/रामपुर मनिहारान श्री दिगम्बर जैन समाज के तत्वाधानमें चल रहे दशलक्षण महापर्व के समापन के अवसर पर माँ जिनवाणी को पालकी में विराजमान कर यात्रा निकाली गयी।

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रिपोर्ट वैभव गुप्ता।


मंगलवार को प्रातः पांडुक शिला पर वासुपुज्य भगवान की प्रतिमा विराजमान कर अभिषेक और शांतिधारा की गई। वासुपुज्य भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया। मोक्ष कल्याणक पर निर्वाण लाडू चढ़ाया गया। दोपहर को पालकी में मां जिनवाणी को विराजमान कर पालकी यात्रा निकाली गई। यात्रा बड़े जैन मंदिर से प्रारम्भ होकर विभिन्न मोहल्लों से होते हुए यात्रा जैन मंदिर जी जाकर समाप्त हुई। जहा पर श्री जी का अभिषेक किया गया।समवशरण विधान के समापन पर हवन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पंडित अंकित शास्त्री ने कहा कि दस लक्षण पर्व का अंतिम दसवां दिन उत्तम ब्रह्मचर्य का दिन है। उत्तम ब्रह्मचर्य का अर्थ है आत्मा में संयम रखना और काम इच्छाओं से दूर रहना। यह गुण सिखाता है कि हमे अपनी ऊर्जा को आत्मशुद्धि और आत्मविकास की दिशा में लगाना चाहिए। ब्रह्मचर्य से व्यक्ति का आत्मबल और मानसिक शक्ति बढ़ती है। इस दौरान जैन समाज के प्रधान मनोज जैन, महामंत्री निपुण जैन, मंत्री अभिषेक जैन, शशांक जैन, अनुराग जैन, भूपेंद्र जैन, विजय जैन, अंशुल जैन, ललित जैन, विपुल जैन, नवीन जैन, वीरेश जैन, अर्पित जैन, सुधीर जैन, आकाश जैन, अमित जैन, सहित काफी संख्या में समाज के महिला पुरुष मौजूद रहे।