चंपारण की खबर::राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य छोटे छोटे विवादों को सुलझाकर समाज में अमन चैन लाना है : जिला जज

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मोतिहारी / दिनेश कुमार।

राष्ट्रीय एवम बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन न्यायालय परिसर में शनिवार को हुआ। समारोह को संबोधन करते हुए जिला एवम सत्र न्यायाधीश सह प्राधिकार के अध्यक्ष देवराज त्रिपाठी ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य छोटे छोटे विवादों को निपटाकर समाज में अमन चैन लाना है। वहीं जिलाधिकारी सौरभ जेरवाल ने कहा कि विवाद प्रथम चरण में छोटे होते है लेकिन उसके निदान की प्रक्रिया जटिल होती है। ऐसे में आपसी सुलह समझौते ही विकल्प है। लोक अदालत से समाज में अमन चैन आने लगा है। जरुरत है इस आभियान को तेज कर लोगों में विधिक जागरूकता लाई जाए। अपर पुलिस अधीक्षक शिखर चौधरी ने कहा कि छोटे छोटे विवादों का निपटारा हो जाने से लोक अदालत के प्रति लोगों का उत्साह बढ़ता जा रहा है। जो लोक अदालत के महत्व को बताता है। जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष शेष नारायण कुंवर ने कहा कि आपसी समझौता से हुआ विवादों के निपटारा से समाज में न केवल अमन चैन आ जाता है, बल्कि एक दूसरे को सहयोग करने की भावना भी जागृत हो जाती है। वहीं संयुक्त सचिव अशोक कुमार ने कहा कि अदालत पर मोकदमों का बोझ कम करने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत मील का पत्थर साबित हो रहा है। समारोह का संचालन न्यायिक दंडाधिकारी मंजीता कुमारी व धन्यवाद ज्ञापन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राघवेन्द्र सिंह ने की। मौके पर न्यायाधीश मुकुंद कुमार, सूर्यकांत तिवारी, नूर सुल्ताना, शिखा शर्मा, सीमा कुमारी, लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी, चांदनी गुप्ता सहित अन्य न्यायाधीश, न्यायिक पदाधिकारी एवम् अधिवक्तागण आदि उपस्थित थे। लोक अदालत में 1991 वादों का हुआ निपटारा, 10 करोड़ 21लाख 73 हजार 301 रूपए की हुई रिकवरी।
राष्ट्रीय लोक अदालत में 1991 मामले निपटाए गए ,वहीं 10 करोड़ 21लाख 73 हजार 301 रूपए की रिकवरी हुई। निष्पादित वादों में बैंक के 1276, बीएसएनएल के 2, क्लेम वाद के 48 तथा कोर्ट वाद के 665 वाद निपटाए गए। रिकवरी में बैंक के 63976718 रूपए, बीएसएनएल के 8483, क्लेम वाद से 37960000 रूपए तथा न्यायालय वाद से 228100 रूपए रिकवर हुए।