सहारनपुर/उप्रश्री दिगम्बर जैन समाज के तत्वाधान में चल रहे दशलक्षण महापर्व का तीसरा दिन उत्तम आर्जव धर्म के रूप में बड़ी धूमधाम से मनाया गया।

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रिपोर्ट वैभव गुप्ता।


कस्बे के मौहल्ला इकराम में स्थित बड़े जैन मंदिर में मंगलवार को प्रातः श्री जी का अभिषेक और शांतिधारा की गई। प्रातः से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। इंद्र इंद्राणी बने श्रद्धालुओ के द्वारा समवशरण की परिक्रमा की गई। इस अवसर पर प्रवचन देते हुए राजस्थान से आए पंडित अंकित शास्त्री ने कहा कि दशलक्षण महापर्व का तीसरा दिन उत्तम आर्जव धर्म का दिन है। उन्होंने उत्तम आर्जव का अर्थ बताते हुए कहा कि कपट के भ्रम में जीना दुखी होने का मूल कारण है।


आत्मा ज्ञान,खुशी, प्रयास, विश्वास जैसे असंख्य गुणों से सिंचित है उस में इतनी ताकत है कि केवल ज्ञान को प्राप्त कर सके। उत्तम आर्जव धर्म हमें सिखाता है कि मोह-माया, बुरे कर्म सब छोड़ छाड़ कर सरल स्वभाव के साथ परम आनंद मोक्ष प्राप्त कर सकते हैं। शाम के समय महाआरती की गई। देवांग जैन के भजनों ने लोगो को झूमने के मजबूर कर दिया। इस दौरान जैन समाज के प्रधान मनोज जैन,महामंत्री निपुण जैन, शशांक जैन,अनुराग जैन, भूपेंद्र जैन, आर्जव जैन, वीरेश जैन, अंशुल जैन, अर्पित जैन, सुधीर जैन,ललित जैन, विपुल जैन, अभिषेक जैन, मेघा जैन, करुणा जैन, रेखा जैन, संगीता जैन, माधवी जेन, बबली जैन, अंजना जैन, नीलम जैन, गीता जैन, वर्षा जैन सहित समाज के सैकड़ों महिला पुरुष मौजूद रहे।