जन सुराज के निर्माण में अन्य समाज के साथ आगे आये मुस्लिम समाज: प्रशांत किशोर

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  • उलेमाओं, बुद्धिजीवियों और समाजसेवियों को किया आह्वान

स्टेट हेड,राजन द्विवेदी

पटना।
जन सुराज के संस्थापक और पदयात्रा अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा मुस्लिम युवाओं का आह्वान करते हुए कहा है कि आप जन सुराज के निर्माण में भागीदार बनिए और अपना कंधा लगाइए। जन सुराज आपको प्रशिक्षित कर नेता बनाएगा और आप में नेतृत्व क्षमता विकसित करेगा।‌ जिस तरह हिन्दु और मुस्लिम समाज मजबूती से जुड़ रहे हैं उससे बिहार में परिवर्तन तय है।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मुस्लिम समाज राजनीति में अधिक सक्रिय नहीं है जिससे उनकी भागीदारी मजबूत नहीं हो पा रही है। बिहार की राजनीति में तो उसे बंधुआ मजदूर की तरह बना दिया गया है। वे फुलवारी शरीफ स्थित एक होटल में आयोजित बिहार की राजनीति में मुस्लिमों की स्थिति विषयक मंथन शिविर को संबोधित कर रहे थे। प्रशांत किशोर ने कहा कि मुसलमानों को जन सुराज के साथ जुड़कर राजनीति में नेतृत्वकारी भूमिका निभानी चाहिए। उन्होंने बताया कि जन सुराज अभी निर्माण के दौर से गुजर रहा है, और जो लोग इस समय जुड़ेंगे, वे संस्थापक सदस्यों के रूप में गिने जाएंगे। प्रशांत किशोर ने मुसलमानों को 18 प्रतिशत भागीदारी संगठन में भी और चुनाव की उम्मीदवारी में भी देने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने कहा कि बाबा साहेब ने संविधान में हमें वोट देकर नेता चुनने का अधिकार दिया है । जब नेता कारगर साबित न हो तो उसे उसी वोट की ताकत से बदलने का भी अधिकार दिया है। जन सुराज से बेहतर विकल्प कोई नहीं हो सकता। मंथन शिविर को संबोधित करते हुए आयोजन के अध्यक्ष और
जनता दल राष्ट्रवादी के राष्ट्रीय संयोजक अशफाक रहमान ने कहा, “लंबे अर्से से जो हम सोचते आ रहे थे, उसकी ताबीर अब देखने को मिल रही है।” उन्होंने मुस्लिम समाज की ताकत और योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि हर साल विदेशों से मुसलमान 12 लाख करोड़ रुपये भारत भेजते हैं, जो उनके हुनर और श्रम का प्रमाण है। अशफाक रहमान ने प्रशांत किशोर को मुस्लिम समाज की ताकत का एहसास कराने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने मुसलमानों से राजनीति में होश से काम लेने का आह्वान किया, न कि केवल जोश में आकर। उक्त जानकारी आज़ यहां जारी एक बयान में जन सुराज के प्रदेश मुख्य प्रवक्ता सह मीडिया प्रभारी संजय कुमार ठाकुर ने दी। उन्होंने बताया कि
कार्यक्रम के सह आयोजक और प्रसिद्ध शिक्षाविद तथा रोजमाइन ट्रस्ट के चेयरमैन अवैस अम्बर ने मुसलमानों की स्थिति पर कटाक्ष किया कि बिहार के सभी राजनीतिक दलों ने मुसलमानों को ‘गरम मसाला’ समझ लिया है। जैसे स्वाद के लिए बिरयानी में गरम मसाला डाला जाता है और फिर उसे किनारे कर दिया जाता है।” उन्होंने जन सुराज की धारा में शामिल होने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में बदलाव की एक धारा हैं जिनके साथ जुड़कर ही अपना और अपने बच्चों का मुस्तकबिल दुरुस्त किया जा सकता है। उन्होंने कहा, “मैं केवल सांसद, विधायक या विधान परिषद सदस्य (MLC) बनकर संतुष्ट नहीं हूँ। मेरा उद्देश्य समाज की आवाज़ बनना है।” अवैस अम्बर ने प्रशांत किशोर और अशफाक रहमान सहित अन्य बड़े नेताओं से अपील की कि वे युवाओं को नेतृत्व की भूमिका में लाएं, ऐसे नेताओं को बनाएं जो सच में अपनी आवाज़ बुलंद करें, न कि ऐसे विधायक जो विधान सभा में चुप्पी साधे रहें। मंथन संगोष्ठी को पूर्व सांसद व पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन , जन सुराज के प्रवक्ता मसीह उद्दीन, पूर्व आइपीएस आर के मिश्रा आदि ने संबोधित किया। मौके पर जन सुराजी दानिश मल्लिक,विनय झा, संतोष पासवान समेत अनेक लोग मौजूद थे। सभी वक्ताओं ने
कहा कि कोई भी पार्टी सक्षम मुस्लिम नेतृत्व को स्वीकार नहीं करती, जबकि जन सुराज इस मामले में एक बेहतर विकल्प प्रस्तुत करता है। मसीह उद्दीन ने भी प्रशांत किशोर के नेतृत्व में बिहार में चल रही नई लहर का उल्लेख करते हुए मुसलमानों से जन सुराज के साथ जुड़ने की अपील की। उन्होंने आगामी एक सितम्बर को बापू सभागार में होने वाली मुस्लिम कॉन्फ्रेंस में भी बड़ी संख्या में शामिल होने का आह्वान किया।