मोतिहारी /दिनेश कुमार।
प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार ने एक छात्रा के साथ दुष्कर्म मामले में कोचिंग संचालक को दोषी पाते हुए बारह वर्षों का सश्रम आजीवन कारावास व अस्सी हजार रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थ दंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा कुंडवा चैनपुर थाना के रामप्रसाद साह के पुत्र पवन कुमार को हुई। मामले में युवती ने कुंडवा चैनपुर थाना कांड संख्या 52/2023 दर्ज कराते हुए पवन कुमार को नामजद की थी। जिसमें कही थी कि वह बी ए पार्ट वन सत्र 2022-25 की छात्रा है। वह कंप्यूटर कोर्स के लिए दिसंबर 2022 में गुरुकुल कंप्यूटर कोचिंग सेंटर जटवालिया में नामांकन कराई। दस- पंद्रह दिन बाद कोचिंग संचालक पवन कुमार कोचिंग समाप्त होने के बाद नोट्स देने के बहाने रोक लिया एवम कोचिंग सेंटर में बंद कर जबरदस्ती उसके साथ दुष्कर्म किया। साथ ही आपत्ति जनक फोटो खींच लिया। वह धमकी दिया कि किसी को बताई तो फोटो बायलर कर जिंदगी बर्बाद कर देंगे। जब भी तुमको बुलाएंगे तुमको आना होगा। फोटो बायलर करने का भय दिखाकर पवन कई बार उसके साथ दुष्कर्म किया। वह छात्र को बुलाने के लिए उसकी मां के मोबाइल पर फोन किया। जब छात्रा जाने से इंकार की तो उसने उसकी आपत्ति जनक फोटो दिनांक 21 मार्च 2023 को वायरल कर दिया। आपत्ति जनक फोटो वायरल होने के बाद उसकी तय शादी टूट गई। सत्रवाद संख्या 701/2023 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक ईश्वर चंद दूबे ने छह गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद नामजद अभियुक्त को धारा 376,506 भादवि एवम् 66 ई आईटी एक्ट में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाए। वहीं पीड़िता को पीड़ित घोषित करते हुए प्रतिकर अधिनियम के तहत पीड़िता को मुआवजे के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार को निर्देशित किया है।