जहानाबाद के एक निजी रेस्ट हाउस में सावित्री सुमन द्वारा लिखित काव्य संग्रह, यहां मोहब्बत सिसक रही है, का हुआ लोकार्पण।

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जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।


जहानाबाद -राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था, शब्दाक्षर के मंच पर जहानाबाद शब्दाक्षर, जिला इकाई की अध्यक्ष सावित्री सुमन के द्वारा स्वरचित काव्य संग्रह ‘यहां मोहब्बत सिसक रही है’ का भव्य लोकार्पण जहानाबाद के होटल ताज में संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ लोकार्पण विभूति शब्दाक्षर के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह, कार्यक्रम अध्यक्ष बिहार प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्रा, मुख्यअतिथि राष्ट्रीय प्रचार मंत्री धनंजय जयपुरी, विशिष्ट अतिथि शब्दाक्षर हावड़ा के जिला सचिव जनाब शकील अनवर, पं कन्हैया लाल मेहरवार एवं कार्यक्रम के संयोजक सावित्री सुमन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन एवं मां शारदे की तस्वीर पर माल्यार्पण कर किया।

इस दौरान कार्यक्रम के संयोजक सावित्री सुमन ने आगत अतिथियों को अंग वस्त्र एवं पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया।

कार्यक्रम के पहले सत्र में मंचासीन अतिथियों के द्वारा सावित्री सुमन की रचित ‘यहां मोहब्बत सिसक रही है’ नामक काव्य संग्रह का लोकार्पण किया गया।



समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने कहा कि हमारी संस्था काव्य क्षेत्र में नये-नये कवियों को राष्ट्रीय स्तर के मंच पर प्रोत्साहित कर रही है। देश के 25 राज्यों के 169 जिलों में शब्दक्षर की इकाइयां कार्यरत है। रचनाकारों को राष्ट्रीय स्तर का मंच दिलाने का कार्य कर रही है। इस वर्ष 20-21 एवं 22 सितंबर को रामनगरी अयोध्या में शब्दाक्षर का साहित्योत्सव मनाया जाएगा। उन्होंने सावित्री सुमन के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि रचनाओं का संग्रह कर काव्य क्षेत्र में अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है। आने वाले समय में इनकी रचनाएं उपयोगी साबित होगी।

सावित्री सुमन ने अपनी काव्य संग्रह ‘यहां मोहब्बत सिसक रही है के बारे में बताया कि’ इसमें प्रेम,विरह, श्रृंगार रस, संयोग, वियोग एवं अन्य सामाजिक मुद्दों को गजलों में शब्दों के साथ पिरोया गया है।

कार्यक्रम में अमेरिका से आए विशिष्ट अतिथि के रूप में सावित्री सुमन के बड़े भाई अशोक कुमार गुप्ता एवं उनकी माता जी भी उपस्थित हो कर मंच की गरिमा को बनाए ।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में काव्य समागम का आयोजन किया गया, जिसमें जहानाबाद, अरवल, गया औरंगाबाद एवं नालंदा के आमंत्रित कवियों एवं कवयित्रियों में पं कन्हैया लाल मेहरवार, सुप्रिया कुमारी, धनंजय जयपुरी,संजय अनु, अल्पना आनंद, बुद्धिनाथ मामूली, शंकर शर्मा,चितरंजन चैनपुरा, महेश मधुकर, मुमताज प्रिया,राखी केसरी, पूनम कुमारी, संध्या केसरी, मंजू कुमारी,रूबी कुमारी, रंगनाथ शर्मा, रवि शंकर शर्मा सहित कई अन्य कवियों ने अपनी स्वरचित रचनाओं का पाठ कर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी और महफिल को गुलजार किया।
अंत में धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र पद्मनाम ने किया।