चंपारण की खबर::इंसानी रिश्तों पर आधारित होगी संजीव के झा निर्देशित फ़िल्म ‘तिरिछ : पोट्रेट ऑफ ए डाइंग मैन’

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– आधिकारिक घोषणा के साथ फ़िल्म का पोस्टर हुआ रिलीज

– चंपारण के हैं फिल्म के निर्देशक संजीव के झा



मोतिहारी / राजन द्विवेदी।

अपनी दमदार लेखनी की बदौलत टीवी और सिनेमा जगत में स्थापित हो चुके पूर्वी चंपारण के ढाका प्रखंड के सोरपनिया गांव निवासी संजीव के झा पटकथा लेखन के साथ-साथ बतौर निर्देशक अपनी पहली फ़िल्म ‘तिरिछ : पोट्रेट ऑफ ए डाइंग मैन’ लेकर आ रहे हैं। इसकी आधिकारिक घोषणा करते हुए आज फ़िल्म का पोस्टर लॉंच किया गया।
संजीव इस से पहले सिद्धार्थ मल्होत्रा और परिनीति चोपड़ा अभिनीत हिन्दी फीचर फ़िल्म ‘जबरिया जोड़ी’ ,अमित साद अभिनीत ज़ी 5 ओरिजिनल की थ्रिलर ‘बरोट हाउस’ तथा मराठी फ़िल्म ‘सुमी’ में स्टोरी-स्क्रीनप्ले लिखकर अपनी बेहतरीन लेखनी और नैरेटिव अप्रोच से सुर्खियां बटोर चुके हैं।
बताते चलें कि उनकी ‘जबरिया जोड़ी’ बिहार में पकड़ुवा विवाह और दहेज प्रथा पर आधारित फ़िल्म थी। ओटीटी प्लैटफ़ार्म पर उनकी फ़िल्म ‘बरोट हाउस’ ने दर्शकों को फ़िल्म खत्म होने तक बांधे रखा और भी अवार्ड भी जीते। इन सबसे आगे बढ़ कर उनकी लिखी मराठी फ़िल्म ‘सुमी’ ने दो दो नेशनल अवार्ड जीते।
बतौर निर्देशक अपनी पहली फ़िल्म की आधिकारिक घोषणा और फ़िल्म के पहले पोस्टर की लॉन्चिंग के मौके पर बेहद उत्साहित संजीव के झा कहा – “उदय प्रकाश मेरे पसंदीदा कथाकारों में एक हैं। जिन कहानियों ने मेरे दिमाग पर गहरी छाप छोड़ी है उनमें से एक उदय सर की कहानी ‘तिरिछ’ भी है। मेरा सरोकार ग्रामीण परिवेश से रहा है । लिहाजा तिरिछ में सब कुछ मुझे गाँव की मिट्टी में घटित घटनाओं की लरियों जैसा लगता है।जिस कहानी को वर्षों से मैंने दिल में सँजो कर रखा है उसको सिनेमैटिक एडप्ट करने और उसका स्क्रीनप्ले लिखने के बाद उसको अपने निर्देशन में बनाना मेरे लिए कुछेक सपनों में से एक का साकार होना है। बतौर निर्देशक यह मेरे लिए चैलेंजिंग है, मगर इसका भी अपना मजा है”। 
अपनी फ़िल्म पर बात करते हुए संजीव आगे कहते हैं – ‘तिरिछ : पोट्रेट ऑफ ए डाइंग मैन’ दर्शकों को मूल कहानी से अलग अंदाज में दिखेगी। यूं कहिए बिलकुल नए अंदाज में। एक निर्दोष पुत्र द्वारा अपने पिता को मौत के मुंह से बचा लाने की जद्दोजहद दर्शकों को झंकझोर कर रख देगी। यह फ़िल्म मानवीय संवेदनाओं को तो उकेरेगी हीं ;इंसानी जज़्बातों और रिश्तों को मजबूती से दर्शकों के सामने रखेगी। मौजूदा दौर में जिस तरह हमारे आपके परिवार में रिश्तों में दूरियाँ बढ़ीं हैं यह फ़िल्म उन लम्हों, उन जज़्बातों को वक़्त के कटघेरे में खड़ा कर देती है”।  
फ़िल्म में एक पुत्र का किरदार निभा रहे हैं अपने सहज और जमीनी अभिनय के लिए जाने वाले अभिनेता चन्दन रॉय । चन्दन का दमदार अभिनय आप ‘पंचायत’ सीरीज और ऑस्कर के लिए नामित उनकी शॉर्ट फ़िल्म ‘मटन हाउस’ में देख चुके हैं।अभी तक जिन किरदारों में चन्दन नज़र आए हैं; इस फ़िल्म का किरदार उन सबसे हट कर है। 

फ़िल्म में दर्शकों को आनंदित करने वाले बेहद कर्णप्रिय गीत भी सुनने को मिलेंगे और गीतों को अमर करने के लिए सरस संगीत भी । इसके लिए फ़िल्म में गीतकार डॉ.सागर ,संगीतकार प्रवेश मलिक ,संगीतकार और गीतकार विपिन पटवा की तिकड़ी अपनी प्रतिभा  दिखाने को तैयार है।
बता दें कि डॉ.सागर हाल में हीं मनोज वाजपेयी पर फिल्माए गए गीत ‘शेर के करेजा’’ से एक बार फिर सुर्खियों में हैं।
फ़िल्म ‘तिरिछ : पोट्रेट ऑफ ए डाइंग मैन’  में दर्शक रिश्तों में जज़्बातों का ताना बाना तो देखेंगे हीं साथ हीं रिश्तों की अहमियत भी समझेंगे। समाज की कई जटिलताओं को फ़िल्म बड़ी सहजता से दर्शकों तक पहुंचाएगी। दर्शकों के सामने समाज की कई अनकही समस्याएँ होंगी और उनके समाधान के लिए दबाव भी। फ़िल्म में अपनापन की कशमकश भी है और अपनों को खोने की छटपटाहट भी। मंझे हुए कलाकार,स्थापित गीतकार ,संगीतकार ,और नेशनल अवार्ड विनिंग फ़िल्म देने वाले लेखक-निर्देशक से लबरेज़ यह फ़िल्म सिनेमा जगत और दर्शकों के दिल में एक अलग जगह बनाएगी।