चंपारण की खबर -: प्रखंड में पीसीसी ढलाई कार्य मे हो रही अनियमितता

बिहार

– पंचायत सचिव ने कहा- पंचायत में ऐसे ही होता हैं विकास कार्य

– मुखिया प्रतिनिधि ने कहा: तीस प्रतिशत से अधिक दिया जाता हैं कमीशन

संग्रामपुर /  उमेश कुमार।

प्रखंड के पंचायतों में इन दिनों विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत हो रही पीसीसी ढलाई कार्य में सम्बंधित विभागीय पदाधिकारियों को दी जाने वाली मोटी कमीशन के चलते ढलाई कार्य में ब्यापक पैमाने पर अनियमितता देखी जा रही हैं इसका ताजा उदाहरण प्रखंड का डुमरिया पंचायत का वार्ड-नौ व पांच हैं जहां सरकार के सभी नियमावली के धज्जियां मुखिया,तकनीकी सहायक व पंचायत सचिव ने उड़ा दी हैं। यहां दोनो वार्डो में लगभग सोलह लाख की राशि से बनी पीसीसी
सड़क महज एक पखवाड़े में ही टूटती दिख रही हैं।इतनी राशि का प्राक्कलन होने के वावजूद मुखिया और सम्बंधित कनीय अभियंता ने गुणवत्ता का ख्याल भी नहीं रखा।और छ:इंच से अधिक पीसीसी ढलाई करने की जगह महज तीन इंच की पीसीसी ढलाई करके सड़क बनने के साथ राशि की बन्दर बांट हो गयी। ग्रामीणों में बताया कि जब सड़क ढला रही थी तो इसकी जानकारी सम्बंधित तकनीकी सहायक व पंचायत सचिव को दी गयी लेकिन कार्य को कोई देखने तक नहीं आया। पंचायत और संबंधित सरकारी कर्मियों ने मनमाने तरीके से कार्य को कराकर राशि उठाव कर लिया। जब ग्रामीणों ने सड़क को मजबूत बनाने के लिए। पंचायत में स्थल दिखाते हुए ग्रामीणों ने सड़कों की वस्तु स्थिति को दिखाया। पंचायत के वार्ड पांच में बीस दिन पूर्व लगभग ग्यारह लाख की लागत से पीसीसी बनवाया गया है। सड़क की स्थिति को दिखाते हुए एक ग्रामीण ने खुरपी से सड़क के बीच में टूटी हुई सड़क को दिखाते हुए कहा कि यहां सड़क मात्र ढाई से तीन इंच मोटी बनाई गई है। किनारा बनाने में होशियारी की गई है उसके बावजूद किनारा भी चार इंच से कम ही मोटाई का पाया गया। स्थानीय लोगों ने बताया कि जब सड़क ढाली जा रही थी उसमे उजले गिट्टी और जोड़ाई के सीमेंट का प्रयोग किया जा रहा था। लोगों के मना करने के बावजूद किसी तरह सड़क ढाल कर लोग चलते बने। अब बीस दिनों के बाद ही सड़क उखड़ने लगी है।
दूसरी सड़क वार्ड नौ में बनी थी जिसमें लगभग छह लाख की राशि खर्च की गई है। स्थानीय ग्रामीण मधुसूदन द्विवेदी ने जानकारी दिया कि यह सड़क लोगों के काफी मशक्कत से साढ़े तीन इंच मोटी ढाली गई है। इसके लिए वार्ड के सभी लोगों ने काफी विरोध किया तब यह स्थिति है। जहां कोई विरोध नहीं है वहां तो कागज की तरह सड़के ढाली गई हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि सड़कों को बनाते समय सरकारी कर्मियों को अपनी निगरानी रखनी है। लेकिन कोई भी पदाधिकारी इन सड़कों के ढलाई के समय उपस्थित नहीं रहते  हैं। प्रखंड तकनीकी सहायक प्रवीण कुमार ने बताया कि ढलाई छ: इंच से अधिक करनी हैं।
पंचायत सचिव राजेश कुमार ने बताया कि 
डुमरिया के पंचायत में ऐसे ही विकास कार्य होता हैं। जिसे सभी अधिकारी भी जानते हैं। डुमरिया के मुखिया प्रतिनिधि प्रमोद यादव ने कहा कि ढलाई कार्य अच्छा हुआ हैं।  संग्रामपुर प्रखंड के बीडीओ अनुराग आदित्य ने कहा कि  सड़क निर्माण कार्य में अनियमितता हुई हैं तो जांच कर करवाई होगी।