जहानाबाद न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी ने अपराध की योजना बनाने के क्रम में लोडेड पिस्तौल गिरफ्तार अपराधी को सुनाया तीन साल की सश्रम सजा।

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जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट।

जहानाबाद– जिले के न्यायिक दंडाधिकारी वैभव कुमार प्रथम श्रेणी ने लोडेड पिस्तौल एवं एक जिंदा कारतूस के साथ पकड़ाए आरोपी उपेंद्र यादव के सजा के बिंदु पर बचाव एवं अभियोजन पक्ष की दलील सुनने को उपरांत भारतीय शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1-b)a के तहत 3 साल का सश्रम कारावास और ₹10000 भुगतान करने का फैसला सुनाया। इतना ही नहीं न्यायालय ने आरोपी को भारतीय शस्त्र अधिनियम 26 के तहत 2 वर्ष का सश्रम कारावास और ₹10000 अर्थदंड भुगतान करने का फैसला सुनाया। अर्थ दंड की राशि का भुगतान नहीं करने पर कम से 10 महीना एवं 6 महीना का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। उक्त आशय की जानकारी सहायक अभियोजन पदाधिकारी अरुण राव ने दी है । उन्होंने बताया कि इस मामले में तत्कालीन पाली थाना अध्यक्ष सह पु अ नि बलवीर कुमार सिंह ने पाली थाने में उपेंद्र यादव उर्फ बाढू यादव को नामजद कर प्राथमिकी दर्ज कराई थी।दर्ज प्राथमिकी में तत्कालीन थाना अध्यक्ष ने आरोप लगाया था कि 6 जुलाई 2023 को गुप्त सूचना मिली कि थाना क्षेत्र के सैदाबाद गोलकपुर गांव में हथियार से लैस अपराधकर्मी किसी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे हैं । सूचना के सत्यापन करने के लिए जब मैं सशस्त्र बल के साथ सैदाबाद गोलकपुर गांव पहुंचा तो देखा कि केविन से पूरब की ओर एक व्यक्ति भाग रहा है । जिसको सशस्त्र बल के सहयोग से गिरफ्तार कर लिया गया जिसके शरीर की तलाशी लेने पर कमर में खोसा हुआ एक लोडेड पिस्तौल और .315 बोर का एक कारतूस बरामद किया गया। इस बाबत पूछताछ करने पर उपेंद्र यादव ने न तो कोई कागजात तथा संतोषजनक उत्तर नहीं दिया । इस मामले में न्यायालय ने आप गठन के उपरांत त्वरित सुनवाई करते हुए महज पांच महीने के भीतर मामले का निपटारा कर दिया । इस मामले में अभियोजन के तरफ से कुल कुल सात गवाह पेश किए गए थे।