स्कूल से बच्चे को घर जाने पर अभिभावक में गुस्सा

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दर्जनों की संख्या में अभिभावक पहुंचे स्कूल l

अरवल बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार के द्वारा लगातार बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के लिए अच्छी और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए अनेको प्रकार की प्रक्रिया बनाई जा रही है इसी बीच बिहार सरकार नीतीश कुमार एवं शिक्षा विभाग पटना के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के द्वारा शिक्षकों का परीक्षा लेकर उसे जानना चाहती है कि अच्छे शिक्षक शिक्षिका हैं या नहीं के के पाठक के कड़ी तेवर के बाद भी शिक्षक जिस तरह से पहले लापरवाही से विद्यालय आते थे एवं पढ़ाते थे उसी तरह से आज भी पढ़ाई कर रहे हैं l यही मामला प्रकाश में आया है कि जिले के राजकीय मध्य विद्यालय आनंदपुर की जहां 12 शिक्षक हैं और वहां बच्चे का उपस्थिति पंजी पर प्रतिदिन दो सौ से ढाई सौ की हाजिरी बनाई जाती है और उपस्थित बच्चे करीब 50 से 100 होते हैं l आखीर कार देखा जाए तो मध्यान भोजन के लिए बच्चों की उपस्थिति पर ही मध्यान भोजन बनती है और बच्चे नहीं होने के कारण यह भोजन बच्चे खा रहे हैं या शिक्षक इधर अभिभावक गण जब राजकीय मध्य विद्यालय आनंदपुर स्कूल पहुंचते हैं अपने बच्चों को घर आने पर तो प्रधानाध्यापक देव बली राम ने अपने कर्तव्यों से पीछे हटते हुए अभिभावक से कुछ कहने पर मजबूर रहे ल अभिभावक ने कहा कि आपके यहां कितने शिक्षक शिक्षिका है बताइए तो यह भी बताने से प्रधानाध्यापक देव बलिराम पीछे रहे l इसी तरह की एक मामला और सामने आ रही है l

की सरकार के नियमावली के अनुसार जो भी सरकारी संस्थान में सामग्री पुराना हो जाती है उसे डाक पर चढ़ाया जाता है बिना डाक किए हुए कावाड्डी के हाथों वह भी बिना लाइसेंस धारी कवाड्डी के दुकान में बेच चुके l वही छठा वर्ग के छात्र छात्रा अभी भावको के समक्ष आकर बोला कि हम लोग के लिए बेंच आई थी वह बेंच हम लोग के वर्ग में ना लगाकर सातवां और आठवां वर्ग में लगाई गई है l जिसे हम लोग फर्श पर बैठते हैं l यहां तक कि हम लोग अपने घर से थाली खाना खाने के लिए लाते हैं और यहां के जो थाली सरकार के द्वारा भेजी गई है वह न जाने कितना है और कहाँ चला गया अभी तक प्रधानाध्यापक ने नहीं बताया और हम लोग का थाली मिलता नहीं है l