शिवहर;::सरकारी सुविधाओं के लाभ के लिए लालायित हैं गरीब किसान

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62 वर्ष के उम्र में भी कुदाल चलाकर खेती को मजदूर है किसान


शिवहर, प्रतिनिधि ।
किसान  के बदौलत ही हम कोई भी अन्न ग्रहण करते हैं। सरकार भी किसानों को सम्मान करती है। किसानों के दुख सुख में सरकार एवं प्रशासन हर संभव सहयोग करता है। परंतु अभी भी जिला के अंतिम व्यक्ति व किसान तक हमारी सरकारी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाती है।  जिसका जीता जागता उदाहरण है कि पिपराही प्रखंड के अंबा उत्तरी पंचायत के वार्ड नंबर एक निवासी अविवाहित किसान 62 वर्षीय वकील सिंह वृद्बा पेंशन को लेकर परेशान है।
वृद्ध किसान अविवाहित है लेकिन अभी भी इस उम्र में जहां आधुनिक जमाने में खेती ट्रैक्टर एवं बैलों से जोतकर किया जाता है। इतना गरीब है कि पेट पालने को लेकर अपने ही गांव के सुबोध सिंह के जमीन बंटइया में लेकर परवल की खेती कर रहे है। परंतु मजदूरों एवं खेत जोतने को लेकर पैसा नहीं रहने के कारण हाथ में कुदाल लेकर खेत जोतने (तामने)को विवश है।
इस उम्र में सुबह के 11 तक सिर्फ चाय पीकर ही कुदाल से खेत जोत रहे हैं। उन्होंने बताया है कि क्या करूं गरीब हूं ,व‌द्बापेंशन भी नहीं मिल रहा, खेती करने को पैसा नहीं है तो हमने हाथ से ही कुदाल लेकर खेत जोतना प्रारंभ कर दिया हूं। एक दिन में एक कट्ठा से सवा कठा खेत जोत लेता हूं , जिसमें परवल की खेती करूंगा। बताते चले कि आज खेत कुदाल से जोतना मामूली सी बात नहीं ,आज के नौजवानों के द्वारा ऐसा होना बिल्कुल संभव नहीं है। बता दें कि अन्नदाता किसान वह व्यक्ति है जो धरती माँ की सेवा कर, खून-पसीना बहाकर अनाज उगाता है और पूरे देश का पेट भरता है, इसलिए उन्हें ‘अन्नदाता’ (अन्न देने वाला) कहा जाता है। ऐसे वंचित किसानों के हालात पर प्रशासन को ध्यान देने की जरूरत है।