
रिपोर्ट वैभव गुप्ता।
बुधवार को प्रातः मंदिर में श्रद्धालुओं द्वारा श्री शांतिनाथ भगवान की प्रतिमा को पाण्डुकशिला पर विराजमान कर अभिषेक और शांतिधारा की गई। इसके बाद नित्य नियम पूजा, दशलक्षण पर्व पूजा ओर तेरह द्वीप विधान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पं अंकित शास्त्री ने कहा कि दशलक्षण पर्व का सातवां दिन उत्तम तप धर्म का दिन है। तप धर्म का अर्थ है हमें तप करना चाहिए। तप करने से शरीर कुंदन बन जाता है। तप के द्वारा ही आत्मा को परमात्मा बनाया जाता है। शाम के समय श्री जी की भव्य आरती की गई। इस बाद धार्मिक प्रतियोगिता कौन बनेगा धर्म शिरोमणि का आयोजन किया गया।

जिसमें विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान जैन समाज के प्रधान मनोज जैन, उप प्रधान डॉ राजेश जैन,महामंत्री निपुण जैन, अमित जैन, सुधीर जैन, विद्यासागर जैन,शशांक जैन, अंशुल जैन, अतुल जैन, विपुल जैन, प्रशांत जैन, ललित जैन, संजय जैन, अशुंल जैन,राकेश जैन, आकाश जैन, अर्पित जैन, नमन जैन, आर्जव जैन, नवीन जैन, ललित जैन, शुभम जैन, पुष्पेन्द्र जैन, नीरज जैन, अरविन्द जैन,अंकित जैन , वर्षा जैन, प्रीति जैन, सुनीता जैन, रेणु जैन, माधवी जैन, पूजा जैन, संगीता जैन सृष्टि जैन, गरिमा जैन, करुणा जैन, परख जैन, विनीता जैन, पायल जैन, दीपा जैन सहित समाज के महिला पुरुष मौजूद रहे।