
पटना।
बिहार की राजनीति में आज एक ऐसा दृश्य उभरा, जिसे सियासी नई राजनीतिक करवट कहा जा सकता है। पूर्व मंत्री और बहुपरिषद अनुभवी विधायक डॉ. रवीन्द्र चरण यादव ने पटना स्थित सदाकत आश्रम में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर राजनीति के समीकरणों में नया आयाम जोड़ दिया।
कार्यक्रम में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने उन्हें अपने कर-कमलों से सदस्यता दिलाई। इस मौके पर नेता शकील भाई सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। जैसे ही डॉ. यादव ने कांग्रेस का दामन थामा, पूरा मंच तालियों और नारों से गूंज उठा। फूल-मालाओं, अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ के साथ उनका ज़ोरदार स्वागत हुआ।
कांग्रेस में दिग्गज की एंट्री—क्या बदलेगा कोसी सीमांचल का सियासी नक्शा?
बिहारीगंज विधानसभा से कई बार निर्वाचित रहे डॉ. रवींद्र चरण यादव सिर्फ एक पूर्व मंत्री नहीं, बल्कि कोसी अंचल की राजनीतिक धुरी माने जाते हैं।
1990 से 2005 तक जनता दल और राजद से विधायक रहे डॉ. यादव ने राजस्व, ऊर्जा, लघु उद्योग जैसे अहम विभागों का नेतृत्व किया। उनके राजद छोड़ने के बाद से अब तक राजद इस सीट पर वापसी नहीं कर सकी। यही कारण है कि अब कांग्रेस में उनके आने से महागठबंधन को बिहारीगंज में नई उम्मीदें दिख रही हैं।
डॉ. रवींद्र चरण : अनुभव, शिक्षा और संघर्ष का नाम
राजनीति के साथ-साथ डॉ. यादव एक शिक्षाविद्, लेखक और समाजसेवी के रूप में भी व्यापक पहचान रखते हैं।
6 पुस्तकें, 38 शोधपत्र, 68 आलेख,
शोध निर्देशन,
पटना यूनिवर्सिटी, बीएनएमयू व पूसा विश्वविद्यालय के सिन्डिकेट सदस्य,
छात्र राजनीति में राष्ट्रीय अध्यक्ष से लेकर विधानसभा समिति के सभापति तक का सफर,
और सबसे अहम: कोई मुकदमा नहीं, बेदाग छवि।
भाजपा छोड़ने के बाद कांग्रेस में मजबूत वापसी
2015 में भाजपा से चुनाव लड़ने और 2018 में पार्टी से इस्तीफा देने के बाद डॉ. यादव ने कुछ समय तक सियासी दूरी बनाए रखी, लेकिन अब कांग्रेस के साथ वे सक्रिय राजनीति में निर्णायक भूमिका निभाने को तैयार हैं।
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि 2025 में वे महागठबंधन के मजबूत उम्मीदवार के तौर पर सामने आ सकते हैं।
राजनीति के नए दौर में ‘डॉक्टर साहब’ की वापसी
सदाकत आश्रम का यह सदस्यता समारोह केवल औपचारिकता नहीं थी—यह था बिहारीगंज से लेकर कोसी तक कांग्रेस के पुनर्जीवन का संकेत।
जैसे ही डॉ. यादव ने मंच से हाथ हिलाया, कार्यकर्ताओं की आंखों में जीत का आत्मविश्वास झलक उठा। “कांग्रेस अब कोसी सीमांचल में सिर्फ उपस्थिति नहीं दर्ज करेगी—अब वो लड़ाई लड़ेगी… और जीतेगी भी।”
—कार्यक्रम में मौजूद एक कांग्रेसी पदाधिकारी
डॉ. रवींद्र चरण यादव की कांग्रेस में एंट्री से न सिर्फ बिहारीगंज, बल्कि पूरे कोसी सीमांचल में महागठबंधन की रणनीति को मजबूती मिली है।
राजनीति में अनुभव, संगठन में पकड़ और समाज से जुड़ाव—तीनों का मेल अब कांग्रेस के पास है।
बिहार की राजनीति में ‘डॉक्टर साहब’ की अगली पारी की शुरुआत हो चुकी है—और इसकी गूंज विधानसभा तक सुनाई देगी।