
हिंदी हमें दुनिया को जोड़ने का करती है काम -शकील काकवी
जहानाबाद (बिहार) से ब्यूरो चीफ मनोहर सिंह का रिपोर्ट
जहानाबाद -बिहार के कायनात इंटरनेशनल स्कूल को विश्व हिंदी दिवस समारोह में विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस द्वारा अंतर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त हुई
भारत और मॉरीशस सरकारों के द्विपक्षीय संगठन, विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस ने विश्व हिंदी दिवस मनाने के लिए एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें कायनात इंटरनेशनल स्कूल, कायनात नगर, काको, जहानाबाद, बिहार ने भाषण प्रतियोगिता में भाग लिया। प्रतियोगिता का विषय था “हिंदी हमें दुनिया से जोड़ती है” और 9-11 वर्ष की आयु के छात्रों को अपने भाषण देने के लिए 15 सेकंड का समय दिया गया।

इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में दुनिया भर के छात्रों ने हिस्सा लिया। कायनात इंटरनेशनल स्कूल की छात्रा अफीफा कमर ने विश्व भौगोलिक क्षेत्र संख्या 7, भारत में दूसरा स्थान प्राप्त किया। उनकी उपलब्धि के सम्मान में, मॉरीशस में भारतीय उच्चायोग ने उन्हें 80 अमेरिकी डॉलर का नकद पुरस्कार और प्रशंसा पत्र प्रदान किया। विद्यालय के प्रबंधन, प्रधानाचार्य और सहपाठियों ने अफीफा कमर, उनके अभिभावकों और हिंदी शिक्षिकाओं मीरा कुमारी, फरजाना, सरोज मालाकार और एस.एन. शर्मा को हार्दिक बधाई दी। कायनात इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्य डॉ. कहकशां बेगम ने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में विद्यार्थियों और अभिभावकों के प्रयासों की सराहना की। विद्यालय प्रबंधक काशिफ रजा ने सचिव ,कायनात कला, संस्कृति और हिंदी परिषद को बधाई दी। इससे पहले यूसुफ शमशेर मलिक और सूफियान खान ने “हिंदी हमारी पहचान है” विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में दूसरा स्थान प्राप्त किया और 130 अमेरिकी डॉलर का पुरस्कार और प्रशंसा पत्र प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त अखिल कुमार और शरजील अहद काकवी ने मॉरीशस में युवा नवाचार सम्मेलन में भाग लिया, जहां उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता, जिसे मॉरीशस के राष्ट्रपति ने प्रदान किया। विश्व हिंदी सचिवालय, मॉरीशस द्वारा आयोजित हिंदी कविता सत्र के दौरान उनकी काव्य प्रस्तुतियों की खूब सराहना हुई। कायनात इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक अध्यक्ष शकील अहमद काकवी ने हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार में उनके अथक प्रयासों के लिए विश्व हिंदी सचिवालय की महासचिव डॉ. माधुरी रामधारी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने मॉरीशस स्थित भारतीय उच्चायोग को उनके उदार सहयोग और मान्यता के लिए धन्यवाद दिया। यह सम्मान सिर्फ़ स्कूल और इलाके के लिए ही नहीं बल्कि बिहार राज्य और भारत देश के लिए भी है।
