चंपारण की खबर::छोटे दीवानी व पारिवारिक विवाद ही बड़े विवादों की जननी है : जज

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मोतिहारी / दिनेश कुमार।

छोटे छोटे दीवानी व पारिवारिक विवाद ही बड़े विवादों की रूप रेखा तैयार कर देते है। जिसमें पारिवारिक विवाद भी शामिल है। ऐसे ही विवादों पर प्रारंभिक रूप में ही समाप्त कराकर समाज में अमन चैन लाना ही राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है। ऐसे छोटे छोटे विवादों को निपटाकर ही हम सभी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से देश की सेवा कर सकते हैं।उक्त बातें डीएलएसए भवन में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह एमपी, एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश संजय कुमार ने कही। वहीं अपर समाहर्ता मुकेश कुमार सिन्हा ने कहा कि देश में अप्रत्याशी रूप से मोकादमों की संख्या बढ़ रही है, जो चिंता का विषय है। जिसमें पारिवारिक विवाद की संख्या भी काफी है। ऐसे बढ़ रहे मुकदमों पर रोक लगाने के लिए राष्ट्रीय लोक अदालत का उद्देश्य मील का पत्थर साबित हो रहा है। अपर पुलिस अधीक्षक कुमारी दुर्गा सपति ने कही कि न्यायालय के लंबी प्रक्रिया को देखते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत मुकदमा सुलह करने का एक बेहतर माध्यम है। वहीं जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव राजीव कुमार द्विवेदी उर्फ पप्पू दूबे ने कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में दूर दराज से पक्षकार इस आशय के साथ आते हैं कि उसके मोकादमें आज खत्म हो जाएंगे। परंतु कानूनी पचड़ों के चलते उनके वाद निस्पादित नहीं होते। वे न्यायिक पदाधिकारियों से कहे कि वे वादों के निष्पादन में लिबरल होकर वादों का निष्पादन करें।
राष्ट्रीय लोक अदालत समारोह का उद्घाटन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय कुमार, वरीय अपर समाहर्ता मुकेश कुमार सिन्हा, अपर पुलिस अधीक्षक कुमारी दुर्गा सपति , एलडीएम आर के पांडेय, जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष शेष नारायण कुंवर,महासचिव राजीव कुमार द्विवेदी उर्फ पप्पू दूबे ने सामूहिक रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किए। समारोह का संचालन गौरव सिंह व धन्यवाद ज्ञापन प्राधिकार के सचिव सह सब जज राजेश कुमार दूबे ने किया।मौके पर न्यायाधीश संजय कुमार, सीमा कुमारी, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, रंजन कुमार , रिचा रंजन, आशीष कुमार मणि, हेमंत कुमार, स्वाति सुमन, शिखा शर्मा, श्रीनिवास शर्मा, सुमिता रंजन, मंजीता कुमारी सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी व अधिवक्तागण उपस्थित थे।