चंपारण की खबर::किशोरी के अपहरण मामले में एक को चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा

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मोतिहारी /दिनेश कुमार ।

प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार ने एक किशोरी को अपहरण किए जाने मामले में दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को चार वर्षों का सश्रम कारावास व दस हजार रूपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थ दंड नहीं देने पर तीन माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा मोतिहारी मुफसिल थाना के पतौरा निवासी रंजन प्रसाद के पुत्र कुंदन कुमार को हुई। वहीं नामजद दो अन्य अभियुक्त कुंदन की मां मीना देवी व मामा सुरेंद्र प्रसाद को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। मामले में पीड़ित किशोरी के पिता ने मोतिहारी मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 12/2003 दर्ज कराया था। जिसमें कहा था कि 18 जनवरी 2003 की सुबह करीब 8 बजे उसकी पुत्री बगल के बगीचा में रखें पुआल लाने गई थी। उसी दौरान कुंदन कुमार अपने तीन साथियों के साथ जीप से आया और उसकी पुत्री को जबरन जीप पर लादने लगा। उसकी पुत्री चिल्लाई तो सूचक व गांव के अन्य लोग दौड़े। परंतु कुंदन कुमार ने नलकटूआ तान दिया तथा उसकी पुत्री को जबरन जीप पर बैठाकर मोतिहारी के ओर भाग गया। सूचक जब कुंदन के मां से पूछने गया तो वे आश्वासन दी कि चार से पांच घंटा के भीतर उसकी पुत्री आ जाएगी। लेकिन अपहृत लड़की नहीं आई। पुलिस ने काफी मशक्कत पर पांच दिन बाद शहर के मठिया जिरात से किशोरी को बरामद की थी। सत्र वाद संख्या 35/2004 विचारण के दौरान अपर लोक अभियोजक ईश्वर चंद दूबे ने बारह गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद धारा 366 ए भादवि में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाए।